दर्शन परिषद का 14वां अधिवेशन
छतरपुर•Feb 24, 2019 / 02:27 am•
हामिद खान
Gandhiji favored man’s entire freedom: Prof. Rajnish Kumar
छतरपुर. गांधी जी मनुष्य की संपूर्ण आजादी के पक्षधर है, उन्होनें साधन और साध्य की पवित्रता पर बल दिया। हिन्द स्वराज्य साहस हैं, भारत की आत्मा का जागरण हैं, भारत की चित्ति का जागरण हैं, गांधी जी दुखों व बंधनों की मुक्ति की बात सदैव करते रहें। उनका दर्शन युगों-युगों तक मानवता का मार्ग प्रशस्त करता रहेगा। यह बात प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल सदस्य सचिव, भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने दर्शन परिषद मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के 14 वें अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में कही।
आयोजन सचिव प्रोफेसर जेपी शाक्य ने बताया कि दर्शनशास्त्र विभाग महाराजा महाविद्यालय छतरपुर द्वारा मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ दर्शन परिषद का 14 वां अधिवेशन आयोजत किया जा रहा हैं। भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित इस अधिवेशन का केन्द्रीय विषय ‘गांधी जी का वैचारिक अवदान हैंÓ। कार्यक्रम की अध्यक्षता दर्शन परिषद के अध्यक्ष प्रो. एसएस नेगी सागर ने की। सारस्वत अतिथि के रूप में डॉ. संजय सिंह राष्ट्रीय सचिव, केन्द्रीय स्मारक निधि नई दिल्ली, विशिष्ठ अतिथि के रूप में प्रो. शोभा निगम रायपुर एवं प्रो. छाया राय जबलपुर, परिषद के पूर्व महासचिव डॉ. पीके खरे एवं परिषद की पूर्व अध्यक्ष डॉ. दीपा पांडेय ने मंच को गरिमा प्रदान की।
कार्यक्रम के प्रारंभ में पुलवामा में हुए आंतकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनिट का मौन धारण किया गया। मंचासीन अतिथियों ने परिषद की शोध पत्रिका ‘पारमिताÓ का विमोचन किया। प्रो. छाया राय ने बीज वक्तव्य देते हुए गांधी जी के दर्शन को विश्वस्तरीय दर्शन बताया और उन्होंनें अंतराष्ट्रीय स्तर पर अंहिसा सिंद्धांत की उपयोगिता निरूपित की। प्रो. शोभा निगम ने गांधी दर्शन की वर्तमान प्रासंगिकता को रेखांकित किया। सारस्वत अतिथि डॉ. संजय सिंह ने कहा कि हजारों वर्षों की विरासत का फल गांधी हैं। पूरे विश्व की समस्याओं का समाधान
गांधी हैं। अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. एसएस नेगी ने कहा कि गांधी जी विचारों के महासागर हैं। कार्यक्रम के अंत में परिषद के महासचिव प्रो. जे.पी. शाक्य ने सभी के प्रति
आभार जताया।
इस अवसर पर रायपुर की प्रोफेसर शोभा निगम को दर्शनश्री सम्मान 2019 के लिए प्रसस्ति पत्र, शील्ड, स्मृति चिन्ह एवं शॉल श्रीफल भेंट किया गया। महाराजा महाविद्यालय छतरपुर के कपिल देव कुड़ेरिया, साक्षी सोनी, अर्जुन कुशवाहा एवं रूखसार खातून को दार्शनिक प्रतिभा सम्मान 2019 प्रदान किए गए। उज्जैन की डॉ. मौसमी सौलंकी को ‘रायबहादुर डॉ. हीरालाल राय ग्रंथ पुरस्कार’ प्रदान किया गया। डॉ. लक्ष्मी मेहर को संत परंपरा के बदलते आयाम निबंध पर ‘स्वामी हरिहर दर्शनानंद संत दर्शन निबंध पुरस्कार’ तथा साधना सिन्हा को समाज का बदलता स्वरूप निबंध पर ‘स्व. बद्री प्रसाद शाक्य’ स्मृति निबंध प्रदान किया गया।
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