छात्र-छात्राओं ने साझा किए अपने अनुभव
छतरपुर•Sep 15, 2019 / 12:37 am•
हामिद खान
एक्सीलेंस व गल्र्स स्कूल में अवसाद से बाहर निकलने के बताए उपाय
छतरपुर. शासकीय एक्सीलेंस एवं गल्र्स स्कूल में शनिवार को विश्व आत्महत्या निषेध दिवस कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य आनंद संस्थान भोपाल की ओर से मास्टर ट्रेनर अध्यात्म लखन लाल असाटी ने छात्र-छात्राओं के साथ संवाद किया और उन्हें अवसाद से बाहर निकलने के उपाय बताए। एक्सीलेंस स्कूल में प्राचार्य अशोक खरे एवं एमएलबी गल्र्स स्कूल में व्याख्याता राजेश सैनी ने परिचयात्मक उद्बोधन दिया।
गल्र्स स्कूल की छात्रा रश्मी यादव ने कहा कि वह अपनी नानी के सपनों को पूरा करना चाहती है। आर्थिक तंगहाली के कारण उसके नाना और नानी उसकी मां और तीन मौसियों को पढ़ा नहीं पाए। हालांकि उसके चारों मामा पढ़ लिखकर सरकारी नौकरी में है। पर नानी चाहती थी कि बेटियां भी पढ़ लें पर चारों बेटियां अनपढ़ रह गईं। नानी की इच्छा को पूरा करने मां हम दोनों बेटियों को पढ़ा रही हैं और हम चाहते हैं कि अपने मामा की तरह अच्छा मुकाम हासिल करें। लखन लाल असाटी ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों, कुछ प्रयोगों और कुछ कहानियों के माध्यम से छात्रों को प्रेरणा दी कि थोड़ी सी भी असफलता में निराश नहीं होना है। प्रत्येक असफलता कुछ न कुछ सिखाकर जाती है। जीवन में सुखों से कोई कुछ नहीं सीखता जो भी प्रेरणा मिलती है वह दुखों से ही मिलती है। छात्र-छात्राओं को कई बार अल्पविराम कराया गया और उन्हें कई प्रश्नों पर खुद से संपर्क कर जवाब देने हेतु प्रेरित किया गया। छात्रा अर्शिता पांडे, हर्षिता सोनी, नंदिता सैनी, उरोज फातिमा आदि ने भी शांत समय लेने के बाद अपने अनुभव साझा किए। रश्मि यादव की मां और नानी के सपनों को पूरा करने के लिए सभी ने कुछ शांत समय लेकर ईश्वर से प्रार्थना भी की। इस मौके पर उच्च माध्यमिक शिक्षक मधु अग्रवाल भी उपस्थित थीं।
शांत समय के बाद विकास द्विवेदी ने कहा कि वह अपनी गलतियां को तुरंत स्वीकार करते हैं और उन्हें ठीक भी करते हैं। अभिषेक गुप्ता ने कहा कि वह हमेशा सीखने के प्रति लालायित होते हैं और हर घटनाक्रम से सबक लेते हैं। छात्रा सेबी खातून ने कहा कि वह अपने गलतियों को अपने परिवार और साथियों के समक्ष तुरंत स्वीकार कर लेती है। छात्र कुलदीप पटेल ने कहा कि उसे गीत, कविता और अन्य सभी कलाओं में रुची है जो उसे दूसरों से अलग करती है।
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