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छतरपुर

जिले में जाति-स्थान के नाम पर एक सैकड़ा स्कूल

16 साल पुराने आदेश के वाबजूद महापुरुषों के नाम नहीं हुए दर्जस्कूलों के नाम जाति, स्थान की जगह महापुरुषों के नाम पर रखने के हैं आदेशजिले में कहीं जाति तो कही ंस्थान के नाम पर है शासकीय स्कूलों के नाम

छतरपुरOct 24, 2020 / 08:41 pm

Dharmendra Singh

The names of great men were not recorded

The names of great men were not recorded

छतरपुर। नाम से ही किसी व्यक्ति, स्थान आदि की पहचान होती है, नाम ही उसके आंकलन का पहला स्रोत होता है। अच्छे बुरे की पहचान भी काफी हद तक नाम से ही लगाई जा सकती है। किन्तु आज भी छतरपुर जिले के सौ से अधिक शासकीय विद्यालय उन नामों की विरासत को ढ़ो रहे है जिनके नाम लेने से बच्चों को शर्म महसूस होती है तथा उन स्कूलों में अपने नौनिहालों को भेजने से अभिभावक कतराते हैं। 16 वर्ष बीत जाने के बाद भी शिक्षा विभाग की नींद नहीं टूटी है। जिनके छात्र वर्षों से ऐसे नामों की मार्कसीट लिए प्रदेश और देश के अन्य विद्यालयों में दाखिला लेने जातेे हैं। जिनके नाम के कारण अभिभावक बच्चों को उन स्कूलों में भेजना नहीं चाहते हैं।
वर्ष 2004 में जारी हुआ था आदेश
मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय बल्लभ भवन भोपाल ने 28 जून 2004 को आदेश जारी कर स्पष्ट उल्लेख किया कि शासकीय शाला भवनों तथा संस्थाओं आदि के नाम किसी महापुरुष के नाम रखे जाएं, ताकि उनमें पढऩे वाले छात्र उस व्यक्ति विशेष के जीवन आदर्श से प्रेरणा ले सकें। पर इस जिले में ऐसा कुछ नहीं हुआ। इतना ही नहीं शासन ने 22 जनवरी 2014 एवं 4 जून 2014 को भी पुन: निर्देश जारी कर नाम बदले को कहा। शिक्षा विभाग के आला अफसर आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल ने भी 21 जुलाई 2017 को पत्र जारी कर निर्देश दिए, लेकिन सब कुछ बेअसर रहा।
ये है विवादित नाम
आज भी जिले के लगभग सौ स्कूल जिनमें शासकीय प्राथमिक शाला नालापार नौगांव, शासकीय प्राथमिक शाला कलरया कुआं छतरपुर, शासकीय माध्यमिक शाला कुरयाना छतरपुर, प्राथमिक शाला कुरयाना, शासकीय प्राथमिक शाला डिस्लरी नौगांव, शासकीय प्राथमिक शाला चमारन पुरवा, गल्र्स प्राइमरी स्कूल हरिजन पुरवा, शासकीय माध्यमिक शाला शुक्लाना, गल्र्स प्राथमिक आश्रम शाला नौगांव, गल्र्स प्राथमिक शाला बघराजन टौरिया,माध्यमिक शाला देवी मंदिर नौगांव.प्राथमिक शाला इमलनपुरवा, शासकीय माध्यमिक शाला डेरा पहाड़ी,गल्र्स प्राइमरी स्कूल नयामोहल्ला,गल्र्स प्राइमरी स्कूल बेनीगंज, गल्र्स प्राइमरी स्कूल सबनीगर,गल्र्स प्राइमरी स्कूल नरसिंगगढ़पुरवा, गल्र्स प्राइमरी स्कूल टौरिया खिड़की, गल्र्स प्राइमरी स्कूल रावसागर समेत अन्य स्कूल जाति व स्थान के नाम से जाने जाते है।
ये कहना है जिम्मेदारों का
शैक्षिक कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष अमर सिंह राय का कहना है कि इसे स्कूलों के नाम परिवर्तित होकर महापुरूषों के नाम पर होना चाहिए ताकि बच्चों उनके आदर्शों से भी शिक्षा ले सकें। शैक्षिक पत्रिका शिक्षा संदर्भ ने भी इस दिशा में प्रयास शुरू किया है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन की मद्द से वे ऐसे स्कूलों के नामकरण महापुरूषों के नाम से कराने की दिशा में प्रयास करेगे, ताकि इन विद्यालयों को नई पहचान मिल सके। जिला शिक्षा अधिकारी एस के शर्मा का कहना है कि हम फिर से इन नामों को बदलने का प्रस्ताव भेजेंगे। फिलहाल आदर्श आचार संहिता लागू है। चुनाव खत्म होते ही हम एक प्रस्ताव भेजेंगे।

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