फसल बीमा कंपनी के नियमानुसार प्रीमियम जमा करने वाले किसानों का नाम उनके पोर्टल में दर्ज होने के बाद ही बीमा होना माना जाता है। ऐसे किसान जिनके खाते से प्रीमियम की राशि तो काटी गई, लेकिन फसल बीमा कंपनी के पोर्टल पर नाम दर्ज न हो पाने के कारण फसल बीमा की राशि से वंचित हो रहे हैं। किसानों को एक साल तक उनका बीमा न होने की जानकारी नहीं दी गई, न प्रीमियम राशि लौटाई गई, अब जब मुआवजा देने का समय आया तो प्रीमियम लौटकर बीमा कंपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है। ऐसे में बीमा प्रीमियम जमा करने वाले किसान खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
30 सिंतबर तक खरीफ 2020 की फसल के बीमा की प्रीमियम जमा कर पोर्टल पर बीमित किसान का नाम, फसल, रकवा, बीमा राशि दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन बीमा कंपनी के पोर्टल में गड़बड़ी के कारण बैंक किसानों के नाम दर्ज नहीं कर पा रहे हैं। बैंकों द्वारा इस संबंध में कंपनी को पत्र भी लिखा गया है। लेकिन पोर्टल में गड़बड़ी सुधारी नहीं गई है, इससे ज्यादातर किसान प्रीमियम राशि देने के वाबजूद बीमा योजना से वंचित हो रहे हैं। ऐसी ही पोर्टल की गड़बड़ी खरीफ 2019 में भी आई थी, जिससे प्रीमियम जमा करने वाले ज्यादातर किसानों के नाम दर्ज नहीं हो सके और अब बीमा कंपनी उनके प्रीमियम की राशि बैंकों को लौटाकर राहत राशि देने से बच रही है।
फसल बीमा कंपनी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया ने जिला सहकारी बैंक, कृषि विकास शाखा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया छतरपुर, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया राजनगर, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया हरपालपुर समेत अन्य बैंकों के किसानों की प्रीमियम राशि बैंकों को लौटा दी है। प्रीमियम राशि लौटाकर बीमा कंपनी किसानों को मुआवजा देने से पल्ला झाड़ रही है।
अभी तक जिले के 3 हजार 314 किसानों को 6 करोड़ 72 लाख रुपए बीमा राशि का भुगतान किया गया है। जबकि जिले के 16 हजार 754 किसानों ने खरीफ 2019 की फसल के लिए 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का बीमा प्रीमियम जमा कराया था। जिले में खरीफ 2019 की फसल में उड़द, सोयाबीन, तिल और मूंग का नुकसान 100 फीसदी और मूंगफली का 50 फीसदी आंकलित किया गया था। ऐसे में बीमा राशि 54 करोड़ रुपए का भुगतान होना चाहिए, लेकिन 6 करोड़ 72 लाख का भुगतान ही हुआ है। जिले के 13 हजार से ज्यादा किसान ऐसे हैं जो रोज बैंक खाते का स्टेटमेंट चैक कर रहे कि उनकी बीमा राशि खाते में आई या नही।
जिले के किसानों को खरीफ 2019 के बीमा क्लेम का भुगतान, बीमा प्रीमियम राशि लौटने जैसी जानकारी फसल बीमा कंपनी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया छिपा रही है। बीमा कंपनी बैंकों को प्रीमियम राशि लौटा रही है, जिसकी बैंक के मैनेजर व सीइओ पुष्टि कर रहे हैं। लेकिन बीमा कंपनी के मैनेजर राशि लौटाने की बात से इंकार कर रहे हैं। जिला मैनेजर का कहना है कि जिन किसानों के नाम पोर्टल में दर्ज नहीं हो पाए, उनका प्रीमियम लौटाया जाता है। लेकिन कितने किसानों का प्रीमियम लौटाया और जिले के बाकी 13 हजार किसानों को मुआवजा राशि अबतक क्यों नहीं दी गई, इसकी जानकारी बीमा कंपनी देने से बच रही है। सभी जानकारी होने के बाद भी कंपनी के अधिकारी डेढ महीने बाद जानकारी आने की बात कहकर जिम्मेदारी से बच रहे हैं।
जिन किसानों के नाम पोर्टल में दर्ज नहीं हो पाते हैं, उनका बीमा प्रीमियम लौटाया जाता है। खरीफ 2019 के किसानों को मुआवजा की लिस्ट आने में एक से डेढ माह का समय लगेगा, तब स्थिति साफ हो पाएगी कि कितने किसानों का प्रीमियम लौटाया गया है। अभी मेरे पास प्रीमियन लौटने की जानकारी नहीं आई है।
शिवनंदन त्रिपाठी, जिला मैनेजर, फसल बीमा कंपनी