जानकारी के अनुसार कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी के परिवार का राजनगर तहसील के घूरा गांव में क्रशर संचालित हो रहा है। यहीं पर उन्हें पत्थर की लीज भी आवंटित है। खदान की जांच के लिए शुक्रवार को राजस्व विभाग का अमला घूरा गांव गया था। जो खदान की नाप-जोख कर यह पता लगाना चाहता था कि अवैध उत्खनन तो नहीं हुआ है। हालांकि नाप-जोख नहीं हुई और अमला बैरंग लौट आया। बताया जाता है कि दस दिन पहले भी जांच की ऐसी ही कोशिश हुई थी। लेकिन क्रशर प्लांट बंद होने के कारण अमला वापस आ गया था। कांग्रेस ने प्रशासन की इस जांच कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। इस मामले में राजनगर तहसीलदार विजय सेन का कहना है कि मुख्यालय से सभी क्रशरों की जांच के निर्देश हैं। राजनगर तहसील के सभी क्रशरों की लीज, उत्खनन बगैरह की जांच कराई जा रही है। वहीं, कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह का कहना है कि अनुविभाग क्षेत्र में एसडीएम के पास जांच के अधिकार हैं। अभी मेरे पास प्रतिवेदन नहीं आया है, इसलिए अभी कुछ नहीं कह सकता हूं, लेकिन अगर कही कुछ गड़बड़ नहीं है तो जांच कराने में क्या दिक्कत हो सकती है।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत की
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मनोज त्रिवेदी ने बताया कि चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें बताया गया है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छतरपुर विधायक आलोक के विरुद्ध जिला प्रशासन द्वारा द्वेषपूर्ण कार्रवाई की जाकर उनके निजी व्यवसाय को निशाना बनाया जा रहा है। कलेक्टर के निर्देश पर विधायक के परिजनों एवं अन्य साझेदारों द्वारा संचालित खनिज संपदा की वैधानिक खदानों पर प्रतिदिन राजस्व व खनिज विभाग की टीमें भेजी जा रही हैं। यह कार्रवाई चुनाव को प्रभावित करने के लिए की जा रही है।
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मनोज त्रिवेदी ने बताया कि चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें बताया गया है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छतरपुर विधायक आलोक के विरुद्ध जिला प्रशासन द्वारा द्वेषपूर्ण कार्रवाई की जाकर उनके निजी व्यवसाय को निशाना बनाया जा रहा है। कलेक्टर के निर्देश पर विधायक के परिजनों एवं अन्य साझेदारों द्वारा संचालित खनिज संपदा की वैधानिक खदानों पर प्रतिदिन राजस्व व खनिज विभाग की टीमें भेजी जा रही हैं। यह कार्रवाई चुनाव को प्रभावित करने के लिए की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों के साथ बदसलूकी का वीडियो आया सामने
शनिवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है। जिसमें कथित रुप से छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी वाहन चैकिंग के दौरान पुलिस अधिकारियों से बदसलूकी करते नजर आ रहे हैं। पत्रिका इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। 21 सेकंड के इस वीडियो में विधायक सभी पहले सभी को दूरी बनाए रखने की बात कहते हैं और फिर उनके वाहन की चेकिंग के आदेश देने पर भड़क उड़ते हैं। वीडियो में अधिकारी को अपशब्द भी कहे गए हैं।
शनिवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है। जिसमें कथित रुप से छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी वाहन चैकिंग के दौरान पुलिस अधिकारियों से बदसलूकी करते नजर आ रहे हैं। पत्रिका इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। 21 सेकंड के इस वीडियो में विधायक सभी पहले सभी को दूरी बनाए रखने की बात कहते हैं और फिर उनके वाहन की चेकिंग के आदेश देने पर भड़क उड़ते हैं। वीडियो में अधिकारी को अपशब्द भी कहे गए हैं।