गढ़ीमलहरा थाना के निवारी गांव में सेंट्रल जेल जबलपुर में पदस्थ देवेंद्र सिंह के बेटे राज सिंह का किसान भवानीदीन रजक से जमीन को लेकर विवाद हो गया, इसी के विवाद में मंगलवार की सुबह 11 बजे उसने किसान को गोली मार दी। जो उसके पेट में लगी। घायल किसान की पत्नी रानी देवी ने पुलिस को बताया कि राज सिंह ने उसके परिजन के एक हिस्से की जमीन खरीदी थी, लेकिन आरोपी उसकी भी जमीन पर कब्जा करना चाह रहा था। इसका उनके पति ने विरोध किया तो उसने गोली मार दी। भवानी दीन रजक को गोली मारने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया. घायल किसान को पहले जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन हालत गंभीर होने पर ग्वालियर मेडिकल कॉलेज रेफर किया है. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जमीन के एक छोटे टुकड़े की राज सिंह के परिवार द्वारा जुताई करने को लेकर गांव स्तर पर पंचायत आयोजित हुई थी और पंचायत में राज के परिवार ने अपनी गलती मानी थी तथा भविष्य में भवानीदीन के हिस्से की जमीन के उस टुकड़े पर ट्रेक्टर न चलाने की बात तय हुई थी लेकिन राज ने इसे व्यक्तिगत खुन्नस मान ली थी और मौका पाकर गोली मार दी।
उधर, चाचा ने भतीजे पर मिट्टी का तेल डालकर लगाई आग
नौगांव थाना क्षेत्र के ग्राम नयागांव में जमीनी विवाद को लेकर एक किशोर के तीन सगे चाचाओं ने मिट्टी का तेल डालकर उसे आग के हवाले कर दिया। गंभीर हालत में उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नौगांव में प्राथमिक उपचार देने के बाद जिला अस्पताल भेजा गया मगर हालत काफी नाजुक थी इसलिए उसे ग्वालियर रेफर किया गया है। नयागांव निवासी अशोक अनुरागी पीएनसी कंपनी में मजदूरी करता है। सुबह वह मजदूरी करने छतरपुर चला गया था। घर में उसकी पत्नि चंपा, बड़ा पुत्र रवि, छोटा पुत्र कपिल और पुत्री निर्मला थे। मकान बनाने को लेकर अशोक का उसके भाई मथुरा, भानू, राजू, प्रकाश नरेन्द्र और रामकली से विवाद चल रहा था। अशोक के मुताबिक मंगलवार सुबह जब वह काम पर गया उसी दौरान उसके परिवार के साथ उक्त आरोपी वाद-विवाद करने लगे। यही विवाद इतना बढ़ा कि आरोपियों ने 17 साल के कपिल के ऊपर कैरोसिन डालकर आग लगा दी। अशोक को आग लगने की खबर मिली तो वह तुरंत घर पहुंचा और बुरी तरह आग में झुलसे बेटे को टैक्सी से अस्पताल ले गया। उधर अशोक की पत्नी और पुत्र, पुत्री पूर्व में थाने में शिकायत दे आए थे लेकिन पुलिस ने उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया था। अशोक अनुरागी का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही की वजह से यह घटना हुई है। तहसीलदार पीयूष दीक्षित ने अस्पताल पहुंचकर किशोर के मृत्यु पूर्व बयान दर्ज किए हैं। वहीं फिंगर प्रिंट और डॉग स्क्वॉयड द्वारा जांच की जा रही है।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने अस्पताल के सामने हाइवे पर जाम लगा दिया। बताया जाता है कि अशोक अनुरागी अपने परिवार के साथ हाइवे में चल रहे वाहनों के सामने आकर आत्महत्या की कोशिश कर रहा था। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे पुलिस बल ने मामले को संभाला। उधर एसडीओपी कमल कुमार जैन ने पीडि़त पक्ष से बात कर उन्हें न्याय का भरोसा दिया तब कहीं जाकर आधा घंटे बाद स्थिति सामान्य हो सकी। पीडि़त पक्ष मौके पर एसपी को बुलाने की जिद पर अड़े थे।