परियोजना नियंत्रित करने के लिए झांसी में मुख्यालय बनाया गया है। मुख्यालय में सीईओ के साथ ही पांच अपर सीईओ तैनात किए गए हैं। इनमें अपर सीईओ (प्लानिंग), अपर सीईओ (नहर परियोजना), सीईओ (पर्यावरण एवं भूमि अधिग्रहण), अपर सीईओ (इलेक्ट्रिक एवं मैकेनिकल), अपर सीईओ (मानव संसाधन) एवं निदेशक वित्त शामिल है। इनकी तैनाती के साथ ही अब बड़ी संख्या में सहायक अभियंता एवं जूनियर अभियंताओं की तैनाती शुरु की जाएगी।
केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत 44605 करोड़ रुपए की लागत से 221 किलोमीटर नहर का निर्माण कार्य होना है। इसमें से 1114 करोड़ रुपए छतरपुर-पन्ना जिले के ढोढऩ बांध से प्रभावितों के विस्थापन के लिए राशि भी जारी हो चुकी है। अब सबसे पहले इस राशि से प्रभावितों के विस्थापन पर काम किया जाएगा। आने वाले एक-दो महीने में विस्थापन का कार्य शुरू किया जाएगा।
मुख्य बांध ढोढऩ से प्रभावित गांवों के लोगों के विस्थापन के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। परियोजना के शुरू होने से पहले पन्ना टाइगर रिजर्व के करीब 23 लाख पेड़ भी काटे जाएंगे। निरीक्षण के दौरान इस पर भी चर्चा भी हुई है। काम जल्द शुरू करने के लिए टीम आम लोगों से भी सलाह मशविरा कर रही है।
केन बेतवा परियोजना के तहत बांदा जिले के मरौली और पैलानी गांव में बैराज बनना है। परियोजना का काम जल्द शुरू हो, इसके लिए टीम ने स्थलीय निरीक्षण कर जगह भी चिंहित कर ली गई है। इंजीनियरों की जांच के बाद ही फाइनल होगा कि बैराज कहां बनेगा। इंजीनियरों की टीम रिपोर्ट तैयार कर रही है, उनकी रिपोर्ट आने के बाद काम शुरू हो जाएगा।
परियोजना लागत- 44605 करोड़
विस्थापन पर खर्च होंगे- 1114 करोड़
नहर बनेगी – 221 किलोमीटर लंबी
मप्र के जिलो को मिलेगा लाभ- 07 जिले
उप्र के जिलो को मिलेगा लाभ- 04 जिले
इनका कहना है
एनडब्ल्यूडीए के डीजी भोपाल सिंह व उनकी टीम ने बुंदेलखंड के परियोजना से प्रभावित गांवों का दौरा किया है। परियोजना का निर्माण जल्द शुरू करने की तैयारियां की जा रही हैं।
शीलचंद्र उपाध्याय, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर, केन बेतवा लिंक परियोजना