scriptसाहूकारों से बचाओ सरकार! 20 हजार के बदले 6 लाख रुपये चुकाएं, तो किसी ने गिरवी रखा घर | Karj Ka Marj: Moneylenders loans are doomed to farmers | Patrika News
छतरपुर

साहूकारों से बचाओ सरकार! 20 हजार के बदले 6 लाख रुपये चुकाएं, तो किसी ने गिरवी रखा घर

जानिए, छतरपुर के तीन किसानों की कहानी, जो फंसे हैं साहूकारों के जाल में

छतरपुरSep 04, 2019 / 04:15 pm

Muneshwar Kumar

79b9f2a4-0584-465b-a62a-c26c7cf51f73.jpeg
छतरपुर से बजीर खान की रिपोर्ट

छतरपुर/ मध्यप्रदेश में साहूकारों की जकड़न में फंसे किसान और मजदूर त्राहिमाम कर रहे हैं। कमलनाथ की सरकार ने कुछ दिन पहले ही बैंकों की तरह गरीब किसानों का साहूकारों से लिए किए कर्ज को माफ करने का ऐलान किया है। लेकिन किसानों को इसकी खबर ही नहीं है। दबंग साहूकारों के आगे किसान दुबके हुए हैं। साहूकार ब्याज वसूलने के लिए किसानों की इज्जत भी दरवाजे पर पहुंच तार-तार कर रहे हैं। पत्रिका ने ऐसे किसानों के दर्द को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की है। जिसके लिए हमने एक सीरीज शुरू की है #KarjKaMarj
#KarjKaMarj सीरीज के तहत हम आपको छतरपुर जिले के तीन किसानों की कहानी बताएंगे, जो साहूकारों से कर्ज लेकर बर्बाद हो गए हैं। गरीबी और खेती के लिए साहूकारों से कर्ज लेने वाले किसान-मजदूरों का जीवन अब ऐसे गुलाम की तरह हो गया है जो साहूकारों से लिए गए कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए दिन-रात मेहनत-मजदूरी कर रहे हैं। लेकिन कर्ज चुकने की बजाए सुरसा के मुंह की तरह बढ़ता ही जा रहा है।
5_7.jpg
छतरपुर जिले के नौगांव क्षेत्र के ग्वालटोली निवासी किसान-मजदूरों का कर्ज जमीन बिक जाने के बाद भी नहीं चुक पा रहा है। आए दिन की धमकियों, रंगदारी और बेइज्जती ने किसानों का जीवन अभिशप्त करके रख दिया है। साहूकारों की गिरफ्त से निकलने की उम्मीद खो चुके इस किसानों का दर्द रुंधे गले और डबडबाई आंखों में साफ दिखता है।
6_6.jpg
जमीन बिक गई
कुम्हार टोली के विश्वनाथ प्रजापति 2 बिगहा जमीन के काश्तकार थे। परिवार के भरण-पोषण और खेती के लिए साहूकारों से 10-15 हजार रुपए कर्ज लिया था। खेती में नुकसान के कारण यह छोटा कर्ज 1 से 1.5० लाख रुपए में बदल गया। दो-तीन साहूकारों का कर्ज चुकाने के लिए बड़े साहूकारों से 20 प्रतिशत की दर से ब्याज लिया और पहले वाले साहूकारों का करीब चार लाख रुपए कर्ज अपने हिस्से की जमीन बेंचकर चुका दिया। लेकिन नए साहूकार से लिया गया 6 लाख का कर्ज 14 लाख पर पहुंच गया है। साहूकार के आदमी आए दिन घर आकर धमकाते हैं, गांव भर के सामने बेइज्जत करके चले जाते हैं। मकान और बाकी की जमीन भी गिरवी रख गई है। इसके बाद भी ब्याज लगातार बढऩे से विश्वनाथ का परिवार कर्ज के बोझ से दबा है।
3_9.jpg

इलाज के लिए 35 हजार का कर्ज
ग्वाल टोटी के निवासी 42 वर्षीय मजदूर मनोज रैकवार पिता मूलचंद रैकवार मजदूरी करके अपने 5 सदस्यीय परिवार का भरण पोषण करता है। पत्नी मानसिक बीमार है, जिसका इलाज ग्वालियर में चल रहा है। पत्नी के इलाज के लिए साहूकारों से 35 हजार रुपए कर्ज लिया था। कुछ रकम चुका देने के बाद भी ब्याज बढ़ता रहा और अब मनोज रैकवार से डेढ़ लाख रुपए का कर्ज हो गया है। कर्ज और गरीबी सहित साहूकार की प्रताडऩा से अब खुद मनोज रैकवार भी टीबी की बीमारी से ग्रसित हो गया है। परिवार का भरण-पोषण करने के लिए मनोज अब मजदूरी भी नहीं कर पा रहा है। ऐसे में साहूकारों का कर्ज चुकाना तो दूर, पत्नी और खुद के इलाज व परिवार का पेट पालने के लिए भी मनोज पूरी तरह मोहताज है।
4_10.jpg
बेटी की शादी के लिए लिया था 2.50 लाख का कर्ज
कुम्हार टोली गांव के 50 वर्षीय पप्पू अहिरवार पिता बिहारीलाल छोटे से काश्तकार हैं। वे ज्यादातर मजदूरी करके ही 6 सदस्य वाले परिवार का भरण-पोषण करते है। बेटी की शादी के लिए 3 साल पहले दो साहूकारों से कर्ज लिया था। एक साहूकार से 1 लाख रुपए तो दूसरे साहूकार से डेढ़ लाख रुपए सहित कुल ढाई लाख कर्ज लिया था। यह कर्ज 10 प्रतिशत ब्याज दर पर लिया गया था। इस हिसाब से कर्ज की पूरी रकम तीन गुना हो गई। बीच में परिवार में बीमारी आने पर एक साहूकार से 35 हजार रुपए कर्ज अलग से ले लिया। उसका 1.12 लाख रुपए किसी तरह चुकाने के बाद भी 35 हजार का कर्ज बाकी ही है। वहीं पहले वाले साहूकारों का कर्ज ब्याज को मिलाकर 8 लाख रुपए पहुंच चुके हैं। साहूकार मकान और जमीन गिरवी रखने के बाद भी ब्याज के लिए परेशान कर रहे हैं।
7_5.jpg
पत्रिका की टीम जब इन किसानों से पूछा कि साहूकारों की शिकायत क्यों नहीं करते। उनका साफ कहना था कि डर है। हमलोग कभी पुलिस के पास नहीं गए। वो डराते हैं। सरकार के अधिकारी कभी कमलनाथ की सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताते नहीं हैं। ऐसे में सवाल है कि सरकार ने घोषणा तो कर दी है लेकिन इन्हें साहूकारों के चंगुल बचाएगा कौन? क्या इसी तरह किसान घूट-घूटकर कर्ज के बोझ तले मरते रहेंगे?

Home / Chhatarpur / साहूकारों से बचाओ सरकार! 20 हजार के बदले 6 लाख रुपये चुकाएं, तो किसी ने गिरवी रखा घर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो