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छतरपुर

पहली बार पश्चिमी मंदिर समूह परिसर के अंदर होगा खजुराहो नृत्य महोत्सव

पर्यटन विभाग विभाग खजुराहो टूरिज्म सर्किट को करेगा प्रमोट10वीं- 11 वीं सदी के मंदिरों के साथ घुबेला, पन्ना की हीरा खदान भी देख सकेंगे पर्यटक

छतरपुरFeb 17, 2021 / 10:15 pm

Dharmendra Singh

इस बार आर्ट-मार्ट का भी ले सकेंगे लुफ्त

इस बार आर्ट-मार्ट का भी ले सकेंगे लुफ्त

छतरपुर। खजुराहो के डांस फेस्टिवल को और अधिक आर्कषक बनाने के लिए पहली बार पश्चिमी समूह के मंदिर परिसर में आयोजन किया जाएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने आयोजन को मंदिर परिसर में करने की अनुमति दे दी है। पहली बार डांस फेस्टिवल के दर्शक चित्रगुप्त मंदिर के बैक ग्राउंड में भारतीय पारंपरिक नृत्यों का लुफ्त ले सकेंगे। कोरोना संकट काल से खजुराहो के पर्यटन को उबारने के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग डांस फेस्टिवल के दौरान ओरछा, धुबेला, खजुराहो और पन्ना टूरिज्म सर्किट का प्रमोशन भी करेगा।
इस बार आर्ट-मार्ट का भी ले सकेंगे लुफ्त
पिछले 2 वर्षों में बजट की कमी के कारण आयोजन में देश-विदेश के पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र नेपथ्य तथा आर्ट-मार्ट जैसे कार्यक्रम स्थगित थे, लेकिन इस बार चलचित्र के माध्यम से प्रतिदिन कला,कलाकार तथा कला परम्परा पर आधारित फिल्मों का प्रदर्शन होगा। लोकोत्सव के अंतर्गत छतरपुर,पन्ना एवं खजुराहो में अलग अलग स्थलों पर आयोजन होंगे। कलावार्ता सुबह 10.30 बजे से संस्कृति के विभिन्न आयामों पर विमर्श के लिए होगी। वहीं आर्ट मार्ट में शाम 4 बजे से ललित कलाओं का मेला लगेगा। दोपहर 2 बजे से देशज कला का मेला लगेगा। वहीं, शाम 4 बजे से नेपथ्य में भारतीय नृत्य शैलियों के सांस्कृतिक परिदृश्य एवं कलायात्रा की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। 4 बजे से टेराकोटा एवं सिरेमिक पर केंद्रित कार्यशाला एवं प्रदर्शनी का आयोजन होगा। इसके बाद प्रतिदिन शाम 6.30 से रात्रि 10 बजे तक नृत्य समारोह होगा।
खजुराहो नृत्य समारोह में प्रस्तुति देना माना जाता है सम्मान
चंदेल राजाओं द्वारा बनवाए गए खजुराहो के मंदिर अपने उत्कृष्ट पाषाण शिल्प के लिए विश्वविख्यात हैं। 85 मंदिरों के समूह में से अब 25 मंदिर ही शेष बचे हैं। जो भारतीय शास्त्रीय नृत्य के सप्ताह भर लम्बे कार्यक्रमों द्वारा सजीव हो उठते हैं। देश के विश्वविख्यात कलाकार यहां अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। चंदेलों द्वारा निर्मित शानदार वास्तुकला वाले मंदिरों के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त शास्त्रीय नृत्य का यह खजुराहो नृत्य महोत्सव देश की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने की दिशा में आयोजक मध्य प्रदेश कला परिषद का एक प्रयास है। सप्ताह भर लंबे इस महोत्सव के दौरान देश के हर हिस्से से लोकप्रिय शास्त्रीय नृत्य के कलाकारों को आमंत्रित किया जाता हैं। भारत के जाने-माने श्रेष्ठ कलाकार कथक, कुचिपुड़ी, ओडिसी, भरतनाट्यम, मणिपुरी और मोहिनीअट्टम जैसे ‘भारतीय शास्त्रीय नृत्यों’ का प्रदर्शन करते है। परंपरा और आध्यात्मिकता की ताकत इस प्रदर्शन को एक असामान्य और आकर्षक रूप प्रदान करती है। इन नृत्यों में ‘भारतीय शास्त्रीय संगीत’ की अधिकांश संगत का प्रयोग किया जाता है। खजुराहो नृत्य महोत्सव’ के दौरान प्रदर्शन करना भारतीय शास्त्रीय नृत्य कलाकारों के लिए विशेष सम्मान माना जाता है।
पर्यटकों को ज्यादा दिन ठहराने की योजना
खजुराहो में पर्यटकों को पूरे सर्किट की पेशकश करके अधिक समय तक ठहराने का विचार है। 20 फरवरी से खजुराहो नृत्य महोत्सव से राज्य पर्यटन विकास निगम डांस फेस्टिवल में आने वाले पर्यटकों के लिए ओरछा, धुबेला, खजुराहो और पन्ना सर्किट की पेशकश करेगा। प्रतिष्ठित पर्यटन स्थल परियोजना के लिए खजुराहो को आने वाले चार से पांच वर्षों में 1200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मिलेगी। जिससे पूरे सर्किट को धरातल पर लाया जाएगा।

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