पत्र भेजने वाली छात्रा का अब तक पता नहीं, पत्र की साजिश में एक कॉलेज संचालक का नाम आया सामने
छतरपुर•Sep 21, 2018 / 11:28 am•
Neeraj soni
Maharaja Chhatrasal Bundelkhand University sexual abuse
छतरपुर। महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में होने वाली भर्तियों के नाम पर एक छात्रा के यौन शोषण के आरोप वाला पत्र अब भी पुलिस के लिए पहेली बना हुआ है। पत्र भेजने वाली छात्रा के अब तक सामने नहीं आने से यह मामला साजिश में बदलता जा रहा है। वहीं इस साजिश में एक कॉलेज संचालक और विवि के ही एक व्यक्ति के शामिल होने के आरोप लग रहे हैं। उधर विवि के कुलपति इस पूरे मामले को पहले ही साजिश करार दे चुके हैं। अब मामला विवि और कुलपति पद की प्रतिष्ठा से जुड़ जाने के कारण लोग निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रियव्रत शुक्ला के मोबाइल नंबर का जिक्र करके एक छात्रा के नाम से एसपी के नाम पत्र भेजा गया था। इसमें बताया गया था कि विवि में होने वाली भर्ती का लाभ देने के नाम पर कथित छात्रा को एक कॉलोनी के मकान नंबर 11 में बुलाकर विवि के एक अफसर ने दुष्कर्म किया था। इसके बाद कई बार उसे कुछ नंबरों से फोन जाते रहे। छात्रा ने मोबाइल नंबर भी पत्र में लिखकर दिए थे। इसमें कहा गया था कि इन नंबरों की कॉल डिटेल निकलवाने मात्र से ही पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी। उधर पत्र में उल्लेखित एक मोबाइल नंबर विवि के कुलपति प्रियवृत शुक्ला का होने के कारण कांग्रेस जिला अध्यक्ष मनोज त्रिवेदी ने कुलपति पर ही यौन शोषण के आरोप लगा दिए थे। उधर युवक कांग्रेस जिला अध्यक्ष लोकेंद्र वर्मा ने भी विवि का घेराव करके कुलपति पर लगे यौन शोषण के आरोपों की जांच निष्पक्ष तरीके से कराने और कुलपति को हटाने की मांग की थी।
एक कॉलेज संचालक की भूमिका आई सामने :
विवि के कुलपति के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाने संबंधी पत्र की जांच अभी पुलिस कर रही है। इस पत्र की सत्यता अगर प्रमाणित नहीं होती है तो पुलिस इसे साजिश मानकर जांच करेगी। उधर बताया गया है कि विवि में होने वाली भर्तियों को लेकर उम्मीदवारों से लाखों रुपए जमा करने वाले एक कॉलेज संचालक लगातार कुलपति पर अपने चहेतों को भर्ती कराना चाह रहा है। इसके लिए वह कुलपति को रुपए देने का भी ऑफर कर चुका है। पिछले बार हुई भर्तियों में इसी कॉलेज संचालक ने रुपए का लेन-देन करके अपने लोगों को भर्ती करा दिया था। इस बार भी उसने विवि के एक व्यक्ति के साथ मिलकर पूरी सौदेबाजी कर डाली। लेकिन कुलपति इन नियुक्तियों को होने नहीं दे रहे हैं। इसलिए माना जा रहा है कि कुलपति पर दवाब बनाने के लिए इस तरह की साजिश रची गई होगी।
यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के नाम से बुक है मकान :
पत्र की शुरुआती जांच में सामने आया है कि पत्र में छात्रा के साथ जिस कॉलोनी के मकान में दुष्कर्म की बात कही गई है उस मकान नंबर में बैंक कर्मचारी का परिवार रहता पाया गया है। लेकिन यह भी पता चला है कि एक कॉलोनी में विश्वविद्यालय के अधिकारियेां के नाम से तीन मकान बुक है। इन्हीं मकानों में विवि के अफसरों का आना-जाना और ठहरना रहता है।
हर पहलू से जांच की जा रही है, जल्द बेनकाब करेंगे :
– पत्र की प्रमाणिकता से लेकर उसमें दर्ज ब्यौरे की जांच की जा रही है। हर पहलू से मामले की जांच हो रही है। पत्र भेजने वाली लड़की की भी तलाश की जा रही। पुलिस इस पूरे मामले को बेनकाब करके ही रहेगी।
– जयराज कुबेर, एडिशनल एसपी
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