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छतरपुर

महाराजा कॉलेज का सम्पत्तियों सहित विश्वविद्यालय में संविलियन हुआ

विश्वविद्यालय में 18 नए पाठ्यक्रम व शोध प्रक्रिया प्रारंभचार विषयों में स्नातकोत्तर कक्षाएं प्रारंभ करने का निर्णय

छतरपुरSep 27, 2021 / 07:35 pm

Dharmendra Singh

 विश्वविद्यालय में 18 नए पाठ्यक्रम व शोध प्रक्रिया प्रारंभ

विश्वविद्यालय में 18 नए पाठ्यक्रम व शोध प्रक्रिया प्रारंभ

छतरपुर। मंत्रिपरिषद् द्वारा लिए गए निर्णय तथा मप्र शासन उच्च शिक्षा विभाग, मंत्रालय द्वारा प्रेषित पत्र के संदर्भ में 27 सितम्बर को शासकीय महाराजा स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय छतरपुर का समस्त चल-अचल संपत्तियों सहित महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय, छतरपुर में संविलियन किया गया है। संविलियन की कार्यवाही को कुलसचिव डॉ. जेपी मिश्र, प्राचार्य डॉ. एलएल कोरी, कुलपति प्रो. टीआर थापक, अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा सागर डॉ. जीएस रोहित, अध्यक्ष जनभागीदारी समिति एवं कलेक्टर प्रतिनिधि यूसी मेहरा की उपस्थिति में पूर्ण किया गया।
कुलपति प्रो. टीआर. थापक ने कहा कि विश्वविद्यालय के माध्यम से शैक्षणिक क्षेत्र में नये आयाम एवं उपलब्धियॉ अर्जित होंगी। विश्वविद्यालय में संविलियन की प्रक्रिया के अवसर में आयोजित बैठक में चार विषयों एमए चित्रकला, एमए संगीत, एमएससी कम्प्यूटर साइंस तथा एमएससी इंड-माइक्रोबॉयलोजी कक्षाएं शुरू करने तथा 14 रोजगारपरक डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारंभ कराने का निर्णय लिया। इसी सत्र से डिप्लोमा इन माइनिंग, डिप्लोमा इन टूरिज्म, डिप्लोमा इन कम्प्यूटर हार्डवेयर इंजीनियरिंग, डिप्लोमा इन इंटीरियर डिजाइनिंग, डिप्लोमा इन इंटरनेट ऑफ थिंग्स, डिप्लोमा इन परफॉर्मिंग आर्टस, डिप्लोमा इन वेब डिजाइनिंग, सर्टिफिकेट कोर्स इन कम्यूनिकेशन स्किल्स, सर्टिफिकेट कोर्स इन डेस्कटोप पब्लिसिंग, एमएस आफिस सर्टिफिकेशन प्रोग्राम, सर्टिफिकेट कोर्स इन फोटोशाप, सर्टिफिकेट कोर्स इन नेटवर्किंग तथा सर्टिफिकेट कोर्स इन डिजिटल मार्केटिंग शुरू किए गये है।
कुलपति प्रो. टीआर थापक ने बताया की इसी शैक्षणिक सत्र से बीस अध्ययन शालाओं में शोध कार्य को गति मिलेगी। शासन के निर्देशानुसार सभी प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों के वेतन भत्ते तथा सेवा शर्तें मध्य प्रदेश शासन के यथावत रहेंगे। प्राध्यापक एवं कर्मचारी शासन द्वारा प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए हैं। कुलपति ने बताया कि विद्यार्थियों के हित प्रभावित नहीं होगे। गत वर्ष महाराजा कॉलेज में जितने एडमीशन हुये थे उससे कही अधिक प्रवेश इस वर्ष किए जाएंगे। प्रवेश के संबंध में किसी भी प्रकार की शुल्क वृद्धि नहीं होगी बल्कि छात्र अब यूटीडी के छात्र होंगे जिससे उन्हें विश्वविद्यालयीन सुविधाएं, व्यक्तित्व विकास के लिए मिलेंगी। भविष्य में भी प्रवेश में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता बरकरार रहेगी। छात्रों के लिए प्लेसमेंट सेल के माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। विश्वविद्यालय को आवंटित भूमि पर 40 करोड़ की लागत से शीघ्र भूमि पूजन कराकर निर्माण कार्य कराये जाएंगे। निर्धन छात्र निधि योजना से गरीब वर्ग के विद्यार्थियों को सहायता दी जाएगी।
कुलसचिव डॉ. जेपी मिश्र ने बताया कि मध्य प्रदेश शासन की समस्त छात्रवृत्तियॉ तथा कल्याणकारी योजनाएं यथावत् संचालित रहेगी। गॉव की बेटी, प्रतिभा किरण, मुख्य मंत्री मेधावी छात्र योजना सहित, आवास भत्ता आदि सभी योजनाओं का लाभ भी सुलभता से मिलेगा। उन्होंने आशा जताई की विश्वविद्यालय के विकास के लिए सभी मिलकर सहयोग करेंगे।

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