मुसीबत में पुराना शहर, हर 20 मिनिट में लगता है जाम
– थोक फल-सब्जी मंडी की शिफ्टिंग नहीं होने से हो रही समस्या, अतिक्रमण भी पहले से ज्यादा हुआ- बाजार खुलने के बाद 20 फिट की सड़क हो जाती 10 फिट की
छतरपुर। रियासतकाल के चार दरवाजों के अंदर सिमटा पुराना शहर अब मुसीबत में है। जलसंकट, जाम, अतिक्रमण, बिजली कटौती से लेकर गंदगी जैसी समस्याओं से शहर की आधी आबादी जूझ रही है। सबसे बड़ी समस्या चौक बाजार से लेकर गल्ला मंडी क्षेत्र में अतिक्रमण की है। हर २० मिनिट में यहां जाम लगता है। इसके बाद घंटों लोगों को जाम में फंसे रहकर परेशानी से जूझना पड़ता है। ऊपर से आवारा मवेशी और दुकानों के बाहर फैला अतिक्रमण लोगों की समस्याओं को बढ़ा देता है। शहर की रामगली बजरिया में पैदल चलना मुश्किल होता है। चौक बाजार से वाहनों पर निकलना किसी मुसीबत से कम नहीं है। गल्ला मंडी में पैदल चलने के लिए भी जगह मिलना मुश्किल हो जाता है। रामचरित मानस के पास सड़क एक तरह से बंद ही हो जाती है। बीच सड़क पर वाहनों की पार्किंग होने और मवेशियों का जमघट होने से यहां से गुजरना खतरे से खाली नहीं होता है।
शहर के सरानी दरवाजा से चौक बाजार की दूरी करीब पांच सौ मीटर होगी। लेकिन इस रास्ते का सफर तय करने में आधा घंटा से लेकर एक घंटा तक लग जाता है। इससे जल्दी अगर जाना है तो गलियों से होकर ही गुजरना होगा। चौक बाजार से बस स्टैंड और महल रोड की ओर जाने के लिए भी कम संघर्ष नहीं होता है। पुराने शहर में ऑटो, रिक्शा और ई-रिक्शा की धमाचौकड़ी भी इतनी है कि इनके कारण हर मिनिट में चौक बाजार से लेकर हटवारा और गल्ला मंडी व सिटी कोतवाली क्षेत्र में जाम लगता है। इस मुसीबत को आवारा मवेशी भी बढ़ा देते हैं। पार्किंग के प्वाइंट निर्धारित कर दिए जाने के बाद भी आज तक अस्तित्व में नहीं आ पाए, नतीजतन लोग दुकानों के बाहर ही सड़क पर वाहन पार्क कर देते हैं। सुबह जो सड़क 20 से २५ फिट चौड़ी दिखती है, वह बाजार खुलने के बाद 8 से 10 फिट की ही बचती है। यह समस्या एक-दो दिन की नहीं हर दिन की है। इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए कई बार लंबी-चौड़ी कार्ययोजना बनाई गई। जिला यातायात समिति का गठन भी किया गया। बैठकें हुई और उसके मिनिट्स भी तय किए गए, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हुआ। अब शहर के हिस्से में केवल मुसीबत ही है।
कलेक्टर-विधायक ने व्यापारियों के साथ बनाई थी योजना :
करीब छह माह पहले विधायक आलोक चतुर्वेदी के साथ गल्ला मंडी के अग्रवाल धर्मशला में व्यापारियों की बैठक हुई थी। इस बैठक में कलेक्टर मोहित बुंदस और एसपी तिलक सिंह सहित ट्रैफिक प्रभारी और नपा सीएमओ अरुण पटैरिया भी मौजूद थे। इस बैठक में गल्ला मंडी के अतिक्रमण से लेकर जाम और ट्रैफिक समस्या को लेकर विस्तृत चर्चा हुई थी। बैठक में तय एजेंडे पर चर्चा के बाद विधायक के साथ कलेक्टर-एसपी और सीएमओ ने बाजार भी घूमा था। अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों को अल्टीमेटम दिया गया था। नए पार्किंग प्वाइंट बनाने के लिए जगह चिन्हित की गई थी। इसके अलावा सड़क किनारे फुटपाथ पर कब्जा करके दुकानें लगाने वाले दुकानदारों की शिफ्टिंग और दुकानों के बाहर के अतिक्रमण को हटाने की भी बात हुई थी। लेकिन इनमें से किसी भी योजना पर जमीनी स्तर पर काम नहीं हुआ।
त्यौहारों के समय बढ़ गई चुनौती :
पुराने शहर में ही त्योहारों के सीजन पर लोग खरीदारी के लिए आते हैं। दीवापली का मुख्य बाजार हो या फिर बर्तन का बाजार सभी इसी क्षेत्र में लगते हैं। लाइटिंग, सजावट, पूजन सामग्री की फुटपाथी दुकानें अलग से बाजार में सज जाती है। इसके अलावा त्योहारों के कारण सराफा बाजार से लेकर किराना बाजार भी ग्राहकों की भीड़ से भर जाता है। लोग परिवार के साथ इस क्षेत्र में खरीदारी के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में हर 10 मिनिट में मुख्य बाजार पर जाम की स्थिति बनती है। त्योहारों के समय नगरीय प्रशासन और यातायात पुलिस के पास ऐसी कोई ठोस योजना नहीं होती है, जिससे कि मुख्य बाजार का यातायात व्यवस्थित रह सके। नतीजा यह होता है कि दुकानदारों से लेकर खरीदारों और राहगीरों को समस्या से जूझना पड़ता है।
दिखाबा के रह गए ट्रैफिक प्वाइंट :
शहर के चौक बाजार, गल्ला मंडी, महल रोड और हटवारा क्षेत्र में यातायात पुलिस के ट्रैफिक प्वाइंट बनाए गए हैं, लेकिन यह सभी प्वाइंट महज दिखावा बनकर रह गए है। इन जगहों पर तैनात पुलिसकर्मी गायब रहते हैं। प्रशासन इसके पीछे स्टाफ कम होने की दलील देता है। इस स्थिति का फायदा उठाकर वन-वे में भी दूसरी तरफ से चार पहिया वाहन बाजार में घुस आते हैं। स्कूल की बसें और ऑटो के कारण समस्या और भी बढ़ जाती है।
दुकानदार बोले-पार्किंग प्वाइंट बनाएं जाएं :
शहर के दुकानदार देवेष अग्रवाल, शक्ति सिंह सिसौदिया, संजू बरसैंया, मनीष अग्रवाल, नरेश अग्रवाल, लक्ष्मी पिपरसानियां, पूरन पिपरसानियां का कहना है कि पुराने शहर की यातायात समस्या का स्थाई समाधान होना चाहिए। पुराना शहर और पुराना बाजार अब जाम का बाजार ही बनकर रह गया है। इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों का जीवन भी नारकीय हो गया है। व्यापारी संघ के जिला अध्यक्ष लालचंद लालावनी का कहना है कि प्रशासन ने पूर्व में यातयात की समस्या के समधान के लिए जो कार्ययोजना बनाई थी, उस पर ईमानदारी से काम करने की जरूरत है। अगर उन निर्णयों पर आधा भी काम होता तो बहुत हद तक समस्या का समाधान हो जाता।
जल्द ही समिति की बैठक बुलाएंगे :
सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में तय योजना पर काम जल्दी शुरू किया जाएगा। एक बार फिर से समिति की बैठक बुलाकर दुकानदारों और आम जनता की परेशानियों पर चर्चा कर उसके स्थाई समाधान की दिशा में ठोस योजना से काम किया जाएगा।
– मोहित बुंदस, कलेक्टर छतरपुर
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