कलेक्टर ने एक-एक कक्ष में जाकर तहसीलदार एवं बाबुओं से मामलों की जानकारी ली। इन मामलों में आ रहीं समस्याओं को सुना। स्थानीय वकीलों से बात की और लंबित प्रकरणों को जल्द से जल्द निपटाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने यह भी कहा कि यदि पेंडेंसी ज्यादा है तो आप लोग ओवरटाइम देकर मामलों को निराकृत करें। कलेक्टर के इस निर्देश के बाद विगत रात ही डेढ़ बजे तक तहसील में मामलों का निराकरण होता रहा। कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने यह भी कहा कि कुछ गैरजरूरी मामले में भी तहसील में लंबित पड़े हैं इन्हें जल्द से जल्द निराकृत करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि इनका निराकरण समय पर नहीं होगा तो अब संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्यवाही की जाएगी।
संजय शर्मा के कार्यकाल में बढ़ी पेंडेंसी
उल्लेखनीय है कि कोरोनाकाल के पूर्व से छतरपुर तहसील में तहसीलदार संजय शर्मा की पोस्टिंग की गई थी। वे लंबे समय तक यहां तैनात रहे। इसी दौरान कोरोना काल में प्रशासन आपातकालीन इंतजामों में व्यस्त रहा साथ ही तहसीलदार संजय शर्मा के द्वारा भी मामलों का निराकरण नहीं किया गया। ज्यादातर लंबित प्रकरण उसी समय के हैं।
पटवारी मीटिंग हॉल बनेगा
इस मौके पर कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने बताया कि छतरपुर तहसील में एक पटवारी मीटिंग हॉल की आवश्यकता महसूस की जा रही थी जिसको लेकर सांसद वीरेन्द्र कुमार से निर्माण का आग्रह किया गया था उनकी निधि से 10 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की गई है। जल्द ही यहां पटवारियों की मीटिंग के लिए एक हॉल का निर्माण किया जाएगा। निरीक्षण का एक मकसद हॉल के लिए जगह चिन्हित करना भी था।