डेढ महीने में 23वीं बार बढ़े दाम
इस साल चार मई के बाद पेट्रोल, डीजल के दाम में 23वीं बार वृद्धि हुई है। इस दौरान पेट्रोल का दाम 5.25 रुपए और डीजल का दाम 5.83 रुपए प्रति लीटर बढ़े है। तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले 15 दिन के भावों के औसत के आधार पर रोजाना घरेलू बाजार में दाम तय करतीं हैं। वाहन ईंधन की खुदरा कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढऩे की वजह से ऊपर जा रही हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) के दाम बढऩे के साथ घरेलू तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीज़ल के दाम में भी इजाफा कर दिया है।
पेट्रोल के दाम शहर में 105.50 रुपए प्रति लीटर होने पर आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि पेट्रोल के दाम तो पहले ही 100 रुपए के ऊपर चल रहे हैं। अब डीजल भी 100 रुपए के करीब पहुंचने लगा है। इसका असर सीधे तौर पर हमारी जेब पर पड़ रहा है। वीरेन्द्र का कहना है कि पेट्रोलियम पदार्थो के दाम बढऩे से परिवहन लागत बढ़ रही है। ऐसे में सरकार को आम आदमी को लेकर कुछ करने की जरूरत है। जब बगल के राज्य में दाम कम है, तो हमारे ऊपर इतना बोझ न लादा जाए। किसान देवी सिंह का कहना है कि सिंचाई के लिए डीजल की जरूरत किसानों को पड़ती है, लेकिन इतनी ज्यादा कीमत पर डीजल मिलेगा तो किसानों की मुश्किलें भी बढ़ जाएंगी। बस ऑपरेटर जावेद अख्तर का कहना है कि डीजल के दाम बढऩे से बसों के संचालन का खर्च बढ़ गया है। ऐसे में इस बढोत्तरी का असर यात्रियों की जेब पर पड़ेगा। सरकार को राहत देने की पहल करनी चाहिए।