छतरपुर

कोरोना काल में जी जान लगाने वाले संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का आंदोलन जारी

कलेक्टर और सीएमएचओ से की मांग, वेतनमान और निकाले गए कर्मचारियों की हो वापसी

छतरपुरMay 17, 2022 / 07:30 pm

Hitendra Sharma

छतरपुर. कोरोना संक्रमण के दौरान संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी ने जी जान लगाकर लोगों की सेवा की थी। प्रदेश सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के बाद संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को निकाल दिया। अब संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ राज्य स्तर पर दो सूत्रीय मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहा है।

मंगलवार को आंदोलन के तहत संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने छतरपुर कलेक्टर कार्यालय और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में आवेदन देकर अपनी मांगों को बताया और उनका यथाशीघ्र निराकरण कराने की मांग की है। कर्मचारियों ने ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत संविदाकर्मियों को 5 जून 2018 की नीति के तहत नियमित कर्मचारियों के वेतन का 90 फीसदी वेतनमान दिए जाने तथा सपोर्ट स्टाफ और निष्कासित कर्मचारियों की एनएचएम में वापसी किए जाने की मांग की है।

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कर्मचारियों ने बताया कि सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बगैर सेवाएं दीं और यह क्रम वर्तमान में भी जारी है। लेकिन सरकार ने उनकी सेवा का फल उनकी नोकरी छीनकर दिया साथ ही वेतमान को लेकर भी अभीतक सुनवाई नहीं हुई है। एसे में उनके पास आंदोलन के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है।

प्रदेश सरकार ने 5 जून 2018 को संविदा कर्मचारियों के लिए एक नीति बनाई गई थी जिसमें नियमित कर्मचारी के वेतनमान का 90 फीसदी वेतनमान दिए जाने की बात कही गई लेकिन आज तक इसका लाभ कर्मचारियों को नहीं मिला है। आवेदन देने पहुंचे संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने चेतावनी दी है कि यदि 23 मई 2022 तक मांगें पूरी नहीं हुईं तो प्रदेश भर के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।

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