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छतरपुर

कोरोना से जंग में जूझ रहे सत्ता-विपक्ष व प्रशासन, लेकिन नहीं हो पा रहे एकजुट

जिला आपदा प्रंबधन समिति की बैठक में नहीं आते कांग्रेस के विधायककोरोना के खिलाफ अभियान में प्रशासन व जनप्रतिनिधि नहीं एक साथ

छतरपुरJul 02, 2020 / 08:49 pm

Dharmendra Singh

Administration and public representatives not together in the campaign against Corona

Administration and public representatives not together in the campaign against Corona

छतरपुर। 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने से लेकर आज तक जिले में कोरोना को मात देने के लिए प्रशासन, सत्ताधारी जनप्रतिनिधि और विपक्ष के विधायक अपने-अपने स्तर पर काम कर रहे हैं। लेकिन पहले की तरह अब एक साथ मिलकर जंग नहीं लड़ रहे हैं। तालमेल बिगडऩे से मतभेद अब उभरकर सामने आने लगे हैं। टीकमगढ़ सांसद डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि किल कोरोना अभियान के जरिए कोरोना को मात देने की जिम्मेदारी जिले के जनप्रतिनिधियों की है। जबकि छतरपुर से कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी को अभियान के शुभांरभ कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया। तो विधायक आलोक चतुर्वेदी मानसून सत्र में इस मुद्दे को विधानसभा की विशेषाधिकार समिति के सामने उठाने की बात कह रहे हैं। कांग्रेस के जनप्रतिनिधि प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं, तो भाजपा के नेता कांग्रेस पर कोरोना के खिलाफ जंग में प्रशासन व जनता के साथ खड़े नहीं होने का आरोप लगा रहे हैं।
कांग्रेस विधायकों ने कोरोना से जंग में की मदद, लेकिन अब बैठकों से बनाई दूरी
लॉकडाउन 1.0 के समय से ही जिले के कांग्रेस विधायकों ने अपने क्षेत्र में कोरोना से लड़ाने के लिए संसाधन जुटाने के लिए अपनी विधायक निधि से राशि दी, इसके साथ ही व्यक्तिगत राशि भी लड़ाई में सहयोग के लिए दी। जिले में कोरोना से निपटने के लिए फैसले लेने वाली जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठकों में भी कांग्रेस के विधायक शुरु में आते रहे हैं। बैठकों से पहले राजनगर से कांग्रेस विधायक विक्रम सिंह नातीराजा ने दूरी बनाई, फिर बड़ामलहरा से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह, महाराजपुर से कांग्रेस विधायक नीरज दीक्षित और अब छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी भी बैठकों में नहीं आ रहे हैं। हालांकि अपने-अपने स्तर पर अपने क्षेत्र में कोरोना से लड़ाई में अपना सहयोग पहले की तरह अभी भी कर रहे हैं। लेकिन प्रशासनिक बैठकों से दूरी बना ली है। कांग्रेस के नेताओं का आरोप है कि प्रशासन भाजपा के प्रतिनिधियों को तरजीह दे रहा है। विधायक आलोक चतुर्वेदी का आरोप है कि जिला प्रशासन का रवैया गैरजिम्मेदाराना है। जिला प्रशासन ने किल कोरोना कार्यक्रम का राजनीतिकरण कर दिया है।
भाजपा नेता बोले- कांग्रेस जनता के प्रति नहीं दिखा रही जिम्मेदारी
टीमकगढ़ सांसद डॉ. वीरेन्द्र कुमार के प्रतिनिधि धीरेन्द्र शिवहरे का कहना है कि कांग्रेस के सभी विधायक जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में नहीं आते हैं, इतना ही नहीं उनके प्रतिनिधि तक बैठक में नहीं आते हैं। जिस जनता ने उन्हें चुना, उनकी सुरक्षा के लिए होने वाली अहम बैठक को ही तरजीह नहीं दी जा रही, जनता के प्रति जिम्मेदारी निभाने के लिए कम से कम जिले में क्या होना है, इसके निर्णय लेने वाली प्रबंधन समिति की बैठक में तो सभी को शामिल होना चाहिए।
शुरु में सबने मिलकर दिया सहयोग, अब राह अलग-अलग
कोरोना से निपटने के लिए जिले में स्वास्थ्य संसाधन जुटाने, जागरुकता, संक्रमण रोकने के उपाय-संसाधन लोगों तक पहुंचाने में भाजपा-कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने न केवल अपनी निधि से बल्कि स्वयं की राशि से भी खर्च किया। प्रशासन ने भी शुरु में सबको साथ लेकर रणनीति बनाई और काम किया। जिसका नतीजा भी अच्छा निकला, जिले में 60 पॉजिटिव मिले, जिसमें से 55 स्वस्थ हो चुके हैं। स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैल नहीं पाया। लेकिन अब जब कोरोना से जंग में लड़ाई जीतने की ओर है तो जनप्रतिनिध-प्रशासन एकजुट नहीं हैं।

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