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सुबह 9 बजे तक छतरपुर आएगा प्रज्ञा का शव, रात १२ बजे दिल्ली में परिवार को मिली सुपुर्दगी

आज छतरपुर में होगा प्रज्ञा का अंतिम संस्कार

छतरपुरOct 12, 2019 / 08:02 pm

Neeraj soni

Chhatarpur

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छतरपुर। शहर के सीताराम कॉलोनी निवासी प्रज्ञा पालीवाल की थाईलैंड में कार दुर्घटना में तीन दिन पहले मौत हो गई थी। प्रज्ञा का शव शनिवार देर शाम नई दिल्ली पहुंच गया। जहां शव उसके भाईयों को सुपुर्द करने की औपचारिकात पूरी होने के बाद एम्बूलेंस से शव छतरपुर के लिए रवाना हो गया। प्रज्ञा का शव रविवार सुबह ९ छतरपुर पहुंचने की उम्मीद है। प्रज्ञा का शव लेने के लिए जिला प्रशासन की ओर से छतरपुर एसडीएम केके पाठक के साथ अधिकारियों की टीम दिल्ली भेजी गई है। इस टीम की निगरानी में शव को सड़क मार्ग से एम्बुलेंस द्वारा छतरपुर तक लाया जाएगा। मप्र सरकार ने थाईलैंड में बॉडी ट्रांसपोर्टेशन एजेंसी एशिया वन को लगभग 87 हजार थाई बात (2.03 लाख रुपए) की राशि ट्रांसफर कर दी थी, ये एजेंसी ही शव को थाईलैंड के फुकेट प्रांत से नई दिल्ली तक लाई है। रात 12 बजे नई दिल्ली एयरपोर्ट पर प्रज्ञा का शव पहुंचा, जहां सभी तरह की औपचारिकताओं के बाद शव प्रज्ञा के भाईयों को सौंप दिया गया। इसके तुरंत बाद ही प्रज्ञा का शव छतरपुर के लिए रवाना हुआ।
गौरतलब है कि शहर की प्रज्ञा पालीवाल की मौत बुधवार शाम एक सड़क हादसे में थाईलैंड के फुकेट शहर के पास हो गई थी। वे अपने साथी नितेश के साथ वापस पटोंग स्थित होटल जा रही थीं, तभी उनकी मोटर बाइक बारिश में स्लिप होने के कारण सामने आ रही शेवरलेट कार से टकरा गई थी। हादसा इतना भयावह था कि प्रज्ञा एवं नितेश कार के नीचे फंस गए थे। बाद में जब दोनों को अस्पताल ले जाया गया तो वहां प्रज्ञा को मृत घोषित कर दिया गया था। वहीं नितेश का इलाज जारी है।
सरकार ने जमा कराए रुपए तब हुआ पीएम:
प्रज्ञा की मौत के बाद उसके भाई डॉ. शशिप्रकाश एवं दीपक पालीवाल गुरुवार को नई दिल्ली पहुंच गए थे। वहां मप्र सरकार ने मप्र भवन में उनके ठहरने की व्यवस्था की गई थी। इस परिवार के किसी भी सदस्य के पास पासपोर्ट नहीं होने से इनके तत्काल थाईलैंड रवाना होने में दिक्कत थी। इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हरसंभव मदद के लिए ट्वीट किया था। इसके पहले छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी की पहल पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी ट्वीट कर इस परिवार की शव लाने में हरसंभव मदद करने का वादा किया था। दीपक ने बताया कि दूतावास ने परिवार से एक फार्म ई-मेल पर भेजकर भरवाया, जिसके तहत शव को प्राइवेट एजेंसी एशिया वन को देने में सहमति प्रदान की गई। एशिया वन द्वारा भेजी गई इनवाइस के आधार पर मप्र सरकार ने लगभग 87 हजार थाई बात (थाई करंसी) उनके खाते में शुक्रवार को ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद पटोंग अस्पताल में रखे प्रज्ञा के शव का पोस्ट मार्टम किया गया। ्र
इसलिए शव आने में हुई देरी :
विधायक चतुर्वेदी के अनुसार ट्रांसपोर्टेशन एजेंसी एशिया वन के अधिकारी ने मप्र सरकार को सूचित किया था कि कॉफिन बॉक्स का साइज बड़ा होने के कारण से उसे छोटे प्लेन से लाना संभव नहीं है। ऐेसे में फुकेट से बैंकॉक और फिर वहां से नई दिल्ली तक शव बड़े विमान में ही आ सकेगा। खासकर फुकेट से बैंकॉक तक कॉफिन बॉक्स लाने में कुछ ज्यादा समय लगा। इसलिए शनिवार को देर रात प्रज्ञा का शव नई दिल्ली आ पाया। जहां पर सारी औपचारिकताएं तुरंत कराने के बाद शव को प्रज्ञा के भाई की सुपुर्दगी में दे दिया गया। शव नई दिल्ली से छतरपुर लाने की व्यवस्था भी मप्र सरकार ने की है। शव एम्बुलेंस में सड़क मार्ग से लाया जा रहा है। रविवार सुबह ९ बजे तक इसके छतरपुर आने की उम्मीद है।
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