ये आरक्षक निलंबित
ड्यूटी में लापरवाही के कारण कैदी के भागने के लिए मामले में सोमवार दोपहर पुलिस अधीक्षक विनीत खन्ना ने एक प्रधान आरक्षक व चार आरक्षक आरक्षकों को निलंबित करने के आदेश जारी किए। निलंबित होने वाले प्रधान आरक्षक रतिराम यादव, आरक्षक कृष्णदत्त, विष्णुदत्त, राहुल यादव व सूरज भान शामिल हैं।
आरक्षक की बाइक ले गया
कैदी को मालूम था कि पुलिस आरक्षक विष्णु दत्त अपनी बाइक के साथ जिला अस्पताल ड्यूटी पर आया है। बाइक की चाबी उसकी जेब में है। कैदी वार्ड से भागने से पहले हत्यारोपी कैदी दुली यादव ने पुलिस आरक्षक आरक्षक विष्णु दत्त पुलिस आरक्षक की जेब से बाइक चाबी भी निकाली ली। आरक्षक को कैदी की इस करतूत का अंदाजा भी नहीं लगा। कैदी ने सन्नाटे का फायदा उठाते हुए वार्ड का मैन गेट धीरे से खोला और बाहर दौड़ा लगा दी। बाहर रखी पुलिस आरक्षक की बाइक लेकर फरार हो गया।
18 सिंतबर 2016 को आया था जिला जेल
दुली उर्फ प्रेमलाल यादव को भगवां पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसे उप जेल बिजावर में कुछ दिन रखा गया। इसके बाद 18 सिंतबर 2016 को उसे जिला जेल में शिफ्ट किया गया था।
कैदी की तलाश में जुटीं तीन टीमें
एएसपी जयराम कुबेर ने बताया कि कैदी वार्ड से भागने वाले हत्यारोपी कैदी की तलाश पुलिस सरगर्मी से कर रही है। एसपी विनीत खन्ना के निर्देशन में तीन टीमें बनाई गई हैं। जिसमें एसडीओपी बड़ामलहरा, सिटी कोतवाली टीआई, सिविल लाइन टीआई, भगवां थाना प्रभारी आदि को इन टीमों में शामिल किया गया है। इन टीमों द्वारा संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।
इस मामले में बंद था आरोपी
गौरतलब है कि भगवां थाना क्षेत्र के लडईयाखेरा गांव निवासी झल्ला (45) पिता परमा अहिरवार 24 जून 2016 की रात घर के सामने स्थित खलिहान में सो रहा था। सुबह करीब चार बजे छोटे, गोकुल, प्रेम, धनप्रसाद, राजभान, कमलेश अपने साथी दयाराम लोधी के साथ वहां पहुंचे। जमीनी विवाद के चलते आरोपियों ने कुल्हाड़ी, सब्बल व बल्लम से झल्ला के सिर व गर्दन में प्रहार कर दिए। जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई थी। मृतक के छोटे भाई मनका अहिरवार की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 147, 148, 149 व एससीएसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर घटना में शामिल छोटे, गोकल, प्रेम, धनप्रसाद, दुली यादव व दयाराम को हिरासत में ले लिया था। जबकि कमलेश व राजभान यादव फरार हो गए थे।