scriptहरपालपुर में पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री कराई बंद, लेकिन नहीं पहुंची रेपिड स्स्पिांस टीम | Sale of poultry products stopped, rapid response team did not reach | Patrika News
छतरपुर

हरपालपुर में पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री कराई बंद, लेकिन नहीं पहुंची रेपिड स्स्पिांस टीम

रेपिड रिस्पांस टीम का हुआ गठन, लेकिन टीम अभी भी नहीं आई एक्शन मेंशासन के निर्देश पर हरपालपुर में एक किलोमीटर का एरिया होना था सेनेटाइज, पक्षियों पर रखी जानी थी नजर

छतरपुरJan 18, 2021 / 07:09 pm

Dharmendra Singh

बर्ड फ्लू को गंभीरता से नहीं ले रहा पशु चिकित्सा विभाग

बर्ड फ्लू को गंभीरता से नहीं ले रहा पशु चिकित्सा विभाग

छतरपुर। हरपालपुर में बर्ड फ्लू से कौआ की मौत के बाद प्रशासन को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश हैं। लेकिन अलर्ट के नाम पर प्रशासन ने सोमवार तक केवल हरपालपुर में अनाउंसमेंट कराकर पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री बंद करा दी है। लेकिन सोमवार को रेपिड रिस्पांस टीम हरपालपुर नहीं पहुंची। न ही संक्रमण प्रभावित इलाके का सेनेटाइजेशन हो सका और न ही सैंपल लिए जा सके। पक्षियों पर भी निगरानी रखने के निर्देश का पालन नहीं हो सका। हरपालपुर में पदस्थ एक मात्र विटनिरी डॉक्टर के भरोसे सारी जिम्मेदारी छोड़ दी गई है। जबकि शासन के निर्देश पर कलेक्टर ने तीन टीमें बनाई हैं। जिन्हें संक्रमित क्षेत्र में पोल्ट्री फॉर्म की जांच, सैंपल और सेनेटाइजेशन करना था। इसके साथ ही उस इलाके के पक्षियों पर नजर भी रखी जानी थी। उपसंचालक पशु चिकित्सा डॉ. विमल तिवारी ने इसके लिए नौगांव में पदस्थ डॉ.आत्माराम सोनी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया था। लेकिन नोडल उनकी टीम सोमवार को हरपालपुर नहीं गई। जिससे बर्ड फ्लू को लेकर शासन के निर्देशों का पालन ही नहीं हो सका।
बर्ड फ्लू को गंभीरता से नहीं ले रहा पशु चिकित्सा विभाग
बड4 फ्ली से निपटने के लिए जिम्मेदार पशु चिकित्सा विभाग ही बीमारी को गंभीरता से नहीं ले रहा है। उप संचालक ने जिनकों जिम्मेदारी दी, वे मौके पर गए नहीं। न ही उप संचालक ने फॉलो किया कि, टीम एक्शन में आई या नहीं। वहीं नोडल अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आए। बीमारी की शुरूआत में विभाग गंभीरता नहीं दिखा रहा है। जिससे हरपालपुर के लोगों में दहशत का माहौल बन रहा है। जबकि प्रशासन के पास टीम, संसाधन उपलब्ध हैं। ऐसे में समय रहते एक्शन लेकर बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है। लेकिन लापरवाही की जा रही है। जिले में अब तक 22 से ज्यादा पक्षियों की अकाल मौत के मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन अबतक केवल 6 सैंपल ही भेजे गए हैं। सैंपल लेने से लेकर रोकथाम के उपाय करने तक विभाग की लापरवाही सामने आ रही है।
बछौन के बस स्टैंड में मृत मिला कौआ
बछौन के बस स्टैंड में एक कौआ मृत अवस्था में पड़ा था। ग्रामीणों की सूचना पर पशु चिकित्सा विभाग ने एक दल भिजवाकर पशु मृत कौआ को गड्ढा खुदवाकर दफन करवा दिया है। पशु चिकित्सक ने बताया कि कुछ दिन पहले राजापुर गांव में भी एक कौआ मृत मिला था जिसकी जांच कराने के लिए भोपाल सैंपल भेजा गया था।
बहुत कम फैलता है मनुष्य में बर्ड फ्लू, पर सावधानी जरूरी
बर्ड फ्लू या एवियन इनफ्लुएंजा एक जूनोटिक बीमारी है अर्थात जानवरों में बहुतायत में पाई जाती है। कभी-कभी इसका संक्रमण इंसानों में भी देखने को मिलता है। यह इनफ्लुएंजा वायरस का एक प्रकार है, जो पक्षियों में एक से दूसरे में हवा के जरिए फैलता है। संक्रमण की वजह से प्रभावित पक्षियों की नाक, गले और सांस नली में सूजन आ जाती है। सूजन की वजह से उन्हें सांस लेने में कठिनाई होती है और इससे उनकी मौत हो जाती है। कौआ, मुर्गी, प्रवासी पक्षी आदि इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं। जब कोई पक्षी या पक्षियों का समूह एवियन इनफ्लुएंजा वायरस के संक्रमण से ग्रस्त होता है तो उनके संपर्क में आने वाले इंसान तक यह वायरस पहुंच सकता है और उन्हें भी बीमार कर सकता है। वायरस में म्यूटेशन की वजह से कभी-कभार ऐसा भी हो सकता है कि पक्षियों में फैलने वाले वायरस में इंसानों में फैलने की क्षमता विकसित हो जाए। बीमारी जितनी तेजी से पक्षियों में फैलती है, वायरस में म्यूटेशन भी उतनी ही तेजी से होता है।
इन लक्षणों पर रखे नजर, डॉक्टर से करे संपर्क
किसी तरह से पक्षियों के संपर्क में आने पर यदि सर्दी, खांसी, बुखार, गले में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो तो डॉक्टर को दिखाएं। चिकित्सक की सलाह के बिना कोई दवा नहीं खानी चाहिए। यदि संक्रमण है तो पूरी तरह से चिकित्सकीय दिशा निर्देशों को अपनाएं। जिस जगह पर पक्षी मरे मिले हों वहां सेनेटाइजेशन किया जाना चाहिए। शहर और गांव के लोगों को इस तरह से जागरूक किया जाना चाहिए कि वह पूरी सतर्कता बरतें। पक्षी मरे मिलें तो कंट्रोल रूम को सूचित करें। संक्रमण को रोकने के लिए पोल्ट्री फार्म में एक भी मुर्गा-मुर्गी इससे संक्रमित मिलते हैं तो वहां के साथ ही आसपास के एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले पोल्ट्री फार्म में मुर्गे-मुॢगयों को मार दिया जाता है।
ये कहना है जिम्मेदारों का
रेपिड रिस्पांस टीम को आज हरपालपुर आना था। टीम द्वारा ही सैंपल लिए जाने हैं। बीमारी नियंत्रण के लिए दवा छिड़काव भी किया जाना है। लेकिन पांच बजे तक टीम नहीं आई है, हम टीम का इंतजार कर रहे हैं।
डॉ. मेघ आर्य, पशु चिकित्सक, हरपालपुर
पक्षियों के सैंपल स्थानीय चिकित्सक को लेना है। नोडल का काम मौके पर जाने का नहीं है। हमारे यहां से कोई टीम नहीं जानी है। छतरपुर से कोई टीम आना हो तो मुझे जानकारी नहीं है।
डॉ. आत्माराम सोनी, नोडल अधिकारी
डॉ. सोनी को हरपालपुर जाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार को एसडीएम नौगांव ने बुला लिया था। मंगलवार की सुबह ही टीम हरपालपुर जाकर दिए गए निर्देशों का पालन करेगी।
डॉ. विमल तिवारी, उपसंचालक,पशु चिकित्सा

Home / Chhatarpur / हरपालपुर में पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री कराई बंद, लेकिन नहीं पहुंची रेपिड स्स्पिांस टीम

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो