scriptविश्व परिवार दिवस पर विशेष- संयुक्त परिवार की मिसाल कायम कर रहा ग्राम बुडरख का चौबे परिवार | Special on World Family Day Chaubey family of village Budrakh setting | Patrika News
छतरपुर

विश्व परिवार दिवस पर विशेष- संयुक्त परिवार की मिसाल कायम कर रहा ग्राम बुडरख का चौबे परिवार

परिवार की तीन पीढियां आज भी करती हैं एक साथ निवास, एक ही चूल्हे पर बनता है सबका भोजन

छतरपुरMay 14, 2022 / 06:57 pm

Unnat Pachauri

संयुक्त परिवार की मिसाल कायम कर रहा ग्राम बुडरख का चौबे परिवार

विश्व परिवार दिवस पर विशेष – संयुक्त परिवार की मिसाल कायम कर रहा ग्राम बुडरख का चौबे परिवार

विश्व परिवार दिवस पर विशेष
उन्नत पचौरी

छतरपुर। लोगों के बीच परिवार की अहमियत बताने व समझने के उद्देश्य से हर वर्ष 15 मई को विश्व परिवार दिवस मनाया जाता है। परिवार हमारे जीवन की एक ऐसी आवश्यक मौलिक इकाई है, जो हमें एक-दूसरे के साथ प्यार, आपसी सहयोगात्मक, सामंजस्य के साथ जीवन जीना सिखाती है, परिवार ही हमें समाज में सौहार्दपूर्ण संबंध व आपसी मेलजोल से रहना सिखाता है। आज इस आधुनिक संस्कृति और सभ्यता के परिवर्तनों को स्वीकार करके अपने आप को चाहें कितना भी बदल लें, लेकिन फिर भी हमने जीवन में कभी परिवार के अस्तित्व पर कोई भी आंच नहीं आने दी है। ऐसा ही छतरपुर जिले के एक गांव में एक परिवार संयुक्त परिवार की मिशाल बनाए रखे है और ३४ सदस्यों के साथ एक ही मकान में वर्षों से रह रहे हैं। संयुक्त परिवार की ग्राम बुडरख निवासी इंद्रपाल चौबे का परिवार मिसाल कायम कर रहा है। परिवार के मुखिया अपने ६ भाईयों के परिवार समेत कुल 34 सदस्यों के साथ रहकर मैनेजमेंट संभाल रहे हैं। परिवार के सभी सदस्य खुशी के पलों को एक साथ मिलकर सेलीब्रेट करते हैं। आसपास के गांवों सहित पड़ोस के लोग आज भी उनके परिवार की मिलजुल कर रहने की मिसाल देते नहीं थकते हैं। महाराजपुर तहसील के ग्राम बुडरख निवासी इंद्रपाल चौबे बताते है कि हमारे परिवार में उनके बड़े भाई देवीदीन चौबे जिनकी उम्र 62 वर्ष है, उन्होंने आज भी हम सभी 6 भाईयों को परिवार सहित एक ही धागे में पिरो रखा है। उम्र के इस पड़ाव पर भी वे अपने पूरे परिवार को संयुक्त रूप से बांधे हुए हैं।

एक ही चूल्हे पर पकता है खाना
इंद्रपाल चौबे ने बताया कि जहां आज के दौर में शादी के बाद लड़का अपने परिवार से अलग होकर खाना बनाने की परम्परा सी चल पड़ी है। वहीं अभी तक उनके परिवार में कुल 3 लड़कों सहित 4 लड़कियों की शादी हो चुकी है और हमारे 3 पोते सहित 2 पोतियां भी परिवार में शामिल हैं। परिवार के सभी सदस्य खुशियां एक साथ मनाते हैं, खाना भी एक साथ ही पूरा परिवार खाता है। परिवार की तीनों बहुऐं और उनकी माताएं एक साथ मिलकर घर का काम करती हैं। परिवार एक साथ बैठकर कर निर्णय लेता है, चौबे परिवार को एक साथ रहता देखकर आसपास के गांवों सहित लोग सयुक्त परिवार की मिसाल देते हैं।
1992 में हो गया था पिता का देहांत
वर्ष 1992 में पिता का देहांत हो जाने के बाद घर की पूरी जिम्मेदारी घर के बड़े भाई होने के नाते देवीदीन चौबे पर आ गई थी। जिसके बाद उन्होंने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए ना सिर्फ भाईयों और बच्चों को शिक्षा और संस्कार दिए, बल्कि उसके साथ-साथ सभी भाइयों के शादी विवाह करने के बाद उन्हें आज भी एक ही धागे में पिरो कर रखा हुआ है।
इनलिए मनाते हैं विश्व परिवार दिवस
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1993 में संकल्प के साथ इस दिवस की घोषणा की गई थी। इसके बाद से ये हर साल 15 मई को मनाया जाता है। सबसे पहले विश्व परिवार दिवस संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के द्व्रारा मनाना शुरु किया गया था। 15 मई 1994 के दिन पहली बार विश्व परिवार दिवस मनाया गया था। ये दिन लोगों के बीच एक संयुक्त परिवार की अहमियत को दर्शाता है। साथ ही आज के दिन ये अहसास होता है कि संयुक्त परिवार कितना जरूरी होता है।

Home / Chhatarpur / विश्व परिवार दिवस पर विशेष- संयुक्त परिवार की मिसाल कायम कर रहा ग्राम बुडरख का चौबे परिवार

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो