वर्ष 1992 में पिता का देहांत हो जाने के बाद घर की पूरी जिम्मेदारी घर के बड़े भाई होने के नाते देवीदीन चौबे पर आ गई थी। जिसके बाद उन्होंने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए ना सिर्फ भाईयों और बच्चों को शिक्षा और संस्कार दिए, बल्कि उसके साथ-साथ सभी भाइयों के शादी विवाह करने के बाद उन्हें आज भी एक ही धागे में पिरो कर रखा हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1993 में संकल्प के साथ इस दिवस की घोषणा की गई थी। इसके बाद से ये हर साल 15 मई को मनाया जाता है। सबसे पहले विश्व परिवार दिवस संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के द्व्रारा मनाना शुरु किया गया था। 15 मई 1994 के दिन पहली बार विश्व परिवार दिवस मनाया गया था। ये दिन लोगों के बीच एक संयुक्त परिवार की अहमियत को दर्शाता है। साथ ही आज के दिन ये अहसास होता है कि संयुक्त परिवार कितना जरूरी होता है।