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छतरपुर

नेता व अफसरों से करते रहे याचना, नहीं सुनीं तो कर्ज लेकर खुदवा डाले 7 ट्यूवबेल

बिजावर के मेंदनीपुरा गांव के किसानों को शासन-प्रशासन की बेरुखी ने बनाया कर्जदार, अब साहूकारों का कर्ज चुकाने बड़े शहरों में मजदूरी कर रहे गांव के किसान

छतरपुरAug 21, 2019 / 12:12 am

Sanket Shrivastava

Take out a loan and get 7 towels

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छतरपुर. बिजावर क्षेत्र के जलसंकट ग्रस्त ग्राम मेंदनीपुरा में अब लोगों को भरपूर पानी मिल रहा है। इसके पहले गांव के किसानों ने सालों तक अफसरों और जनप्रतिनिधियों के चक्कर काटे किसी ने फरियाद नहीं सुनी तो आपस में विचार किया और साहसिक फैसला लेकर साहूकार से कर्ज उठाया फिर एक के बाद एक 7 ट्यूवबेल गांव में खुदवाएं। अब उन्हें से सभी को पानी मिल रहा है। लेकिन जल संकट दूर हुआ तो गांव के किसानों पर दूसरी समस्या आ गई। वे साहूकारों के कर्ज तले दब गए। कर्ज चुकाने के लिए गांव से पलायन कर बड़े शहरों में मजदूरी करने चले गए। गांव में जो लोग हैं उनमेें प्रशासन के प्रति गहरी नाराजगी है।
बिजावर मुख्यालय से ९ किलोमीटर दूर मेदनीपुर गांव में पानी की समस्या को लेकर किसानों ने प्रशासन के प्रति नाराजगी जाहिर की है। पिछले कुछ महीनों में कर्ज लेकर एक के बाद एक सात-आठ ट्यूबवेल गांव के किसानों ने खुदवा लिए हैं। मेंदनीपुर के रहने वाले किसान रामसेवक कुशवाहा, लखन पटेल, हल्के भैया ने बताया कि उनके गांव में पीने के पानी की समस्या से लोग परेशान थे।
गांव के जितने भी शासकीय हैंडपंप और नल मौजूद हैं, वो खराब हो चुके हैं। साथ ही कुएं या पानी के अन्य स्त्रोत पूरी तरह से सूख गए थे। जलसंकट के समाधान के लिए किसान अधिकारियों के और नेताओं के दफ्तरों के चक्कर लगा-लगाकर परेशान हो गए थे।
इसके बाद उन्हें कुछ नहीं सूझा तो उन्होंने बिजावर के साहूकारों से ब्याज पर कर्ज लेकर गांव में एक-दो नहीं बल्कि आधा दर्जन से अधिक ट्यूबवेल खुदवा लिए। अब किसान गांव वालों को पानी मुहैया करवा रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ साहूकारों का कर्ज चुकाने के लिए कुछ किसानों के परिवार के लोगों को पलायन कर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा में मजदूरी करनी पड़ रही है।
हरिजन बस्ती के निवासी हरसेवक अहिरवार, दीना अहिरवार का कहना कि गांव में गर्मियों में पानी की विकराल समस्या होती थी, जिसके चलते गांव की महिलाओं और बच्चों को कई किलोमीटर दूर खेतों में लगे ट्यूबवेल से पीने के लिए पानी भरकर लाना पड़ता था। लेकिन अब उन्हें पानी के लिए भटकना नहीं पड़ता है। कर्ज भी धीरे-धीरे चुक जाएगा।
जब इस बारे में बिजावर जनपद सीईओ आरके कोरी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पंचायत समन्वयक अधिकारी से जांच करवाकर शासन की योजना से पात्र हितग्राहियों को लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा।

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