हीरे से चमकेगा बुन्देलखण्ड का भविष्य
– खजुराहो में डायमंड म्यूजियम एवं नीलामी केन्द्र बनेगा- पन्ना में होगा डायमंड पार्क का निर्माण- आज चिन्हित जमीन का अवलोकन करेंगे खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल
छतरपुर। बुन्देलखण्ड की खनिज सम्पदा सम्पन्न वसुंधरा जल्द ही इसके सुनहरे भविष्य का निर्माण करेगी। मप्र की कमलनाथ सरकार ने बुन्देलखण्ड में खनिज सम्पदा के माध्यम से रोजगार एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए कदम उठाए हंै। मप्र के खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के नेतृत्व में खनिज विभाग द्वारा छतरपुर एवं पन्ना जिले में खनिज संसाधनों के माध्यम से विकास की नई इबारत लिखने की पहल की जा रही है। इसी क्रम में विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी खजुराहो में जल्द ही एक डायमंड म्यूजियम एवं मप्र का पहला डायमंड नीलामी केन्द्र खोला जाएगा। इसी तरह पन्ना जिले के महेन्द्र भवन में प्रदेश के सबसे बड़े डायमंड पार्क का निर्माण किया जाएगा। खनिज विभाग ने इन दोनों ही केन्द्रों की स्थापना के लिए जमीनों का चिन्हांकन कर लिया है। मप्र के खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल रविवार को इन दोनों स्थानों का अवलोकन करेंगे।
छतरपुर के जिला खनिज अधिकारी अमित मिश्रा ने बताया कि छतरपुर जिले के बक्स्वाहा क्षेत्र में स्थित बंदर प्रोजेक्ट के अंतर्गत एशिया की सबसे बड़ी हीरा खदान की नीलामी की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। वर्षों से अनुपयोगी पड़ी इस 55 हजार करोड़ की हीरा खदान के लिए देश की 5 बड़ी कंपनियों ने अपनी तकनीकी निविदाएं 13 नवंबर को जमा कर दी हैं। इन कंपनियों में भारत सरकार का उपक्रम नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, बिरला गु्रप की एस्सेल माइनिंग, रूंगटा माइन्स लिमिटेड, अडानी गु्रप की चेंदीपदा कालरी एवं वेदांता शामिल हैं। कंपनियों ने भारत सरकार के नियम अनुसार इसके लिए 56 करोड़ रूपए की सुरक्षा निधि भी जमा कर दी है। उल्लेखनीय है कि इस निविदा में शामिल होने के लिए सरकार ने कंपनियों की नेटवर्थ 1100 करोड़ रूपए की अनिवार्यता रखी थी। 27 नवंबर को इन तकनीकी निविदाओं का मूल्यांकन किया जाएगा और 28 नवंबर को इस खदान की प्रारंभिक बोली खोली जाएगी। उसके अगले दिन ऑनलाईन नीलामी संपादित की जाएगी।
छतरपुर में होगी एशिया की सबसे बड़ी डायमंड माइन्स, मिलेंगे 55 हजार करोड़ के हीरे :
खनिज विभाग ने अनुमान जताया है कि छतरपुर जिले के बक्स्वाहा क्षेत्र में स्थित बंदर प्रोजेक्ट की इस हीरा खदान में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ किस्म के हीरे निकाले जा सकेंगे। इनकी कीमत लगभग 55 हजार करोड़ रूपए होगी। अनुमान है कि यहां 34 मिलियन कैरेट हीरे का भण्डार बनेगा। यह पन्ना की एनएमडीसी के दो मिलियन कैरेट डिपोजिट से 17 गुना भण्डार होगा। इस तरह से छतरपुर की यह मैकेनाइट डायमंड माइन्स एशिया की सबसे बड़ी डायमंड माइन्स होगी। सरकार मप्र को हीरा प्रदेश के रूप में विश्व स्तरीय पहचान दिलाने के लिए यह कदम उठा रही है।
रोजगार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा :
देर शाम खजुराहो पहुुंचे खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा कि मप्र में एक तरफ जहां खनिज सम्पदा के अपार भण्डार हैं तो वहीं कई दर्शनीय पर्यटन स्थल भी हैं। खनिज संसाधनों और पर्यटन संभावनाओं को आपस में समायोजित कर रोजगार की विराट संभावनाओं का निर्माण करने के लिए खनिज मंत्रालय एवं पर्यटन मंत्रालय मिलकर काम कर रहे हैं। इसी उद्देश्य के चलते पिछले दिनों मप्र राज्य खनिज निगम एवं मप्र पर्यटन विभाग की एक संयुक्त टीम ने खजुराहो एवं पन्ना में डायमंड पार्क व डायमंड ऑक्शन कम म्यूजियम खोलने की दिशा में कदम उठाए थे। इस संयुक्त दल ने मुंबई स्थित डायमंड म्यूजियम का भ्रमण कर उसके अनुरूप मप्र में कार्यवाही शुरू की। इसी कार्रवाई के परिणामस्वरूप चंदेलकालीन मंदिरों के नगर खजुराहो में मप्र के पहले डायमंड म्यूजियम एवं डायमंड ऑक्शन सेंटर की स्थापना के लिए जमीन चिन्हित की है। सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश के इस पहले डायमंड नीलामी केन्द्र में हिस्सा लेने के लिए सूरत और मुंबई के बड़े हीरा कारोबारियों को खजुराहो बुलाया जा सकेगा। इससे न सिर्फ खजुराहो का आर्थिक विकास होगा बल्कि पर्यटन के माध्यम से रोजगार भी बढ़ेगा। इसी तरह पन्ना के महेन्द्र भवन में बनाए जा रहे डायमंड पार्क में भी हीरे से जुड़े काम प्रारंभ होने से स्थानीय कारोबारियों का खर्च घट सकेगा। आज मप्र के पर्यटन मंत्री प्रदीप जायसवाल इन दोनों ही स्थानों का अवलोकन करेंगे और संभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक कर इस दिशा में अग्रिम कार्यवाही के लिए निर्देशित करेंगे।
रेत नीति में बदलाव से रूकेगा अवैध उत्खनन :
खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा कि मप्र सरकार प्रदेश की खनिज सम्पदा को सही मूल्य दिलाने और इन संसाधनों की चोरी को रोकने के लिए गंभीर कदम उठा रही है। इसी क्रम में नवंबर माह के आखिर में रेत खदानों की जिलेवार नीलामी की जाएगी। छतरपुर जिले में अवैध रेत उत्खनन को रोकने की दिशा में जिला खनिज विभाग द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। खनिज विभाग ने अवैध उत्खनन कर रहे रेत माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करते हुए अप्रैल 2019 से अब तक 1.37 करोड़ रूपए की जुर्माना वसूली की है तो वहीं 134 एलएनटी मशीनें पकड़ी गई हैं। इसके साथ-साथ जिला खनिज विभाग द्वारा मप्र में सर्वाधिक राजस्व वसूली का रिकार्ड बनाया गया है जिसके तहत लक्ष्य से 132 प्रतिशत अधिक राजस्व की वसूली की गई है जो कि 54 करोड़ रूपए है। उन्होंने कहा कि छतरपुर में रेत के नए भण्डारों की खोज खनिज विभाग द्वारा की गई है। पहले जहां छतरपुर जिले में 23 रेत खदानें संचालित थीं वहीं अब रेत की 48 खदानों को चिन्हित किया गया है। पहले 3 से 5 लाख घन मीटर रेत निकाली जा रही थी जबकि अब 17 लाख घन मीटर रेत निकाली जा सकेगी। रेत की अत्यधिक उपलब्धता होने के कारण इसके दाम भी नियंत्रित रहेंगे। छतरपुर जिले में लगभग 6 लाख घन मीटर रेत की अनुमानित आवश्यकता होती है जबकि उपलब्धता इससे तीन गुना अधिक होने से लोगों को सस्ते दामों पर रेत मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि जिलेवार खदानों की नीलामी होने से सरकार की राजस्व वसूली बढ़ेगी और अवैध उत्खनन पर लगाम कसेगी।
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