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छतरपुर

टिड्डी दल पहुंचा जिले में, रोकथाम के लिए दवा का कराया छिड़काव

जिला मुख्यालय के नजदीक के गावों में देखे गए टिड्डी दल

छतरपुरMay 24, 2020 / 06:17 pm

Dharmendra Singh

spotted in villages near district headquarters

spotted in villages near district headquarters

छतरपुर। पाकिस्तान से शुरु होकर राजस्थान और फिर मध्यप्रदेश में घुसे टिड्डी दल ने जिले में भी दस्तक दे दी है। 15 से 20 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा के साथ उडऩे वाला ये दल शनिवार की रात छतरपुर जिले के अचट्ट गांव पहुंच गए। जिसकी सूचना मिलने पर कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह रात में ही अचट्ट गांव पहुंचे और निरीक्षण करने के बाद दवा का छिड़काव कराया। कलेक्टर के निर्देश पर रात से ही दवा का छिड़काव जारी है। केंद्रीय दल भी फसलों के ऊपर दवा का छिड़काव करा रहा है। इस दौरान एसडीएम प्रियांशी भंवर, कृषि अधिकारी मनोज कश्यप सहित तमाम अधिकारी मौके पर मौजूद रहे ।वहीं, किसानों ने ट्रैक्टर के साइलेंसर खोलकर आवाज की, ताकि टिड्डी दल को भगाया जाए। रविवार को टिड्डी दल छतरपुर शहर के नजदीक धमौरा व गौरगांय में भी नजर आए।
जिला स्तरीय दल करेगा समस्या का समाधान
कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने जिले में टिड्डी दल के प्रकोप की रोकथाम के लिए जिला स्तरीय दल का गठन किया है। जिला स्तरीय दल में सहायक संचालक डॉ. बीपी सूत्रकार को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि सहायक संचालक उद्यान बीएए राजपूत, सहायक यंत्री कृषि हेमंत कुर्मी, कृषि विज्ञान केन्द्र नौगांव के वैज्ञानिक डॉ. जीसी ओझा, प्रत्येक वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी जी.पी. सक्सेना और ग्रामीण कृषि विकास अनुसंधान केन्द्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को सदस्य बनाया गया है। इसी तरह सभी अनुविभाग स्तर पर दल का गठन कर संबंधित एसडीएम को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाकर संबंधित एसडीओ वन, तहसीलदार, जनपद पंचायत सीईओ, सीएमओ और विकासखण्ड स्तर के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, प्रक्षेत्र प्रबंधक उद्यान को सदस्य बनाया गया है।
अपने वजन से ज्यादा खाती है फसल
सामान्यता टिड्डी अपने वजन से कहीं अधिक भोजन एक दिन में खाती है। हरी पत्तियां, उस पर लगे फूल, फसल के बीज आदि टिड्डी के पसंदीदा भोजन है। यही वजह है कि टिड्डी दल के आने से जिले में लगी गर्मी की फसलों को खतरा पैदा हो गया है। क्योंकि ये समूह में ही फसल पर हमला करते हैं। जिले में मूंग और पिपरमेंट की फसल लगी है, जिसे टिड्डी दल से खतरा को देखते हुए निदान के उपाय किए जा रहे हैं।
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