बदत्तर है स्वास्थ्य सेवाऐं
ग्रामीण बताते है कि गांव में पिछले 2 माह से स्वास्थ्य सेवाऐं शून्य है। उनका मानना है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में समय समय पर आकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण और इलाज करती रहे तो ऐसी नोबत नहीं आऐगी। रानीखेरा में एएनएम कुसुम अहिरवार और एमपीडव्ल्यू बाबूलाल अहिरवार को पदस्थ्य किया है लेकिन वह कभी कभार ही गांव में आते हैं।
मूलभूत सुविधाओं से बंचित सड़क विहीन गांव
सरकार कहती है कि गांव विकास की मूल इकाई है। गांव का सर्वांगीण विकास होने के बाद भी विकसित देश की कल्पना की जा सकती है। वावजूद इसके यह सब बातों और कागजों तक ही सीमित है। वास्तव में नेताओं के वादे इरादे और हकीकत गांव में देखनें को मिल रही हैं। गांव के सर्वांग़ीर्ण विकास में सड़क का महत्व पूर्ण स्थान है लेकिन रानीखेरा गांव पिछले अनेक वर्षों से एक अदद सड़क मांग रहा है। सुलभ मार्ग न होने से गांव का विकास तो दूर मौलिक सुविधाऐं भी लोगों को नहीं मिल पा रही है।