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छतरपुर

आदिवासी बालिकाओं ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव

आदिवासी अधिकार यात्रा लेकर आई युवती रास्ते में हुई बेहोश, अस्पताल में भर्ती

छतरपुरJun 14, 2018 / 11:46 am

Neeraj soni

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आदिवासी बालिकाओं ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव

छतरपुर। सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाने व अपनी उपेक्षा से नाराज आदिवासियों के अधिकारों की यात्रा लेकर बुधवार को आदिवासी बालिकाएं जिला मुख्यालय पहुंची और कलेक्ट्रेट का घेराव किया। घेराव के बाद आदिवासी समुदाय की नेतृत्वकर्ता बालिकाओं ने अपनी मांगों से संबंधित 11 सूत्रीय ज्ञापन प्रशासन को सौंपा। इधर यात्रा के समापन के दौरान तीन दिन से पैदल चल रही यात्रा की नेतृत्वकर्ता सोना आदिवासी की अचानक तबियत बिगड़ जाने से वह बेहोश हो गई। उसे तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
11 जून को किशनगढ़ शुरू हुई इस यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण और आदिवासी इस अधिकार यात्रा से जुड़े। वही रास्ते मे पडऩे वाले गांव के ग्रामीणों द्वारा भी गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। बुधवार को सुब सटई से चलकर छतरपुर आई इस यात्रा का जोरदार नारों के साथ जिला मुख्यालय में प्रवेश हुआ। पदयात्रा का पूर्व विधायक जेपी निगम, आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व बुन्देलखंड प्रभारी अमित भटनागर के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी, दलित आदिवासी संगठन, समाजसेवी हरी अग्रवाल सहित कई सामाजिक संगठनों व समाजसेवियों ने समर्थन दिया। घेराव के दौरान बड़ी मात्रा में पुलिस बल तैनात था। कई बार पुलिस प्रशासन व पद यात्रियों की तीखी झड़प हुई। पद यात्रा का समर्थन कर पृर्व विधायक जेपी निगम व आप नेता अमित भटनागर की भी पुसिस प्रशासन से तीखी बहस हुई। पद यात्रा का नेतृत्व कर रही 18 वर्षीय आदिवासी युवती सोमबती उर्फ सोना ने यहां कहा कि तीन दिन में प्रशासन द्वारा एक बार भी उनकी सूध नहीं ली गई। सोना ने प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए प्रशासन के खिलाफ तीव्र नारेबाजी शुरू कर दी, इसी दौरान उनकी तबियत बिगड़ गई और वह चक्कर खाकर गिर पड़ी। बाद में उसे अस्पताल पहुंचाया गया। जहां सोमबती की हालत पहले से बेहतर बताई जा रही है। यात्रा में सोना के साथ सटई से भागवती आदिवासी, खुमनी बाई, चुन्ना बाई, हीरा बाई, कलिया बाई, मलदी आदिवासी, कुपिया से राजाबाई, पार्वती, लक्ष्मी बाई, पुष्पा आदिवासी, दुरजी बाई, अतरार से सुनीता आदिवासी, अमरोनिया से अच्छेलाल आदिवासी, नगदा से मुलायम आदिवासी, भेसखार से सुंदर आदिवासी, पठापुर से प्रताप आदिवासी, कुपी से भूरा, दसरत, गौरीशंकर आदिवासी, नेगुआ से रवीना आदिवासी, बसुधा से भुमानीबाई आदिवासी, छतरपुर से राजकुमारी गोड़, बिनीता गोड़ सहित एक सैकड़ा लोग पद यात्रा में शामिल रहे।

आदिवासी बालिकाओं ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव
तीन दिन में पैदल तय की 65 किमी की दूरी :
आदिवासी समुदाय के लोग किशनगढ़ से जिला मुख्यालय तक 11 जून से पैदल जिला कलेक्ट्रेट का घेराव करने निकले थे। यह यात्रा 65 किलोमीटर की दूरी तय कर जिला मुख्यालय पहुंची और कलेक्ट्रेट का घेराव किया गया। बाद में प्रशासन को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया। अधिकार पद यात्रा का नेतृत्व आदिवासी युवतियां कर रही थीं। इनमें 18 वर्षीय आदिवासी युवती सोमबती उर्फ सोना आदिवासी के अलावा नागदा से बबीता आदिवासी, सुरई से कली आदिवासी, पाठपुर से पूनम राजगोंड, नौगुवा से सरोज, बसुधा से रेखा, नरौली से बबीता आदिवासी, पुरवा से गीता राजगोंड सहित एक दर्जन युवतियां शामिल थीं। पद यात्रा 11 जून को किशनगढ़ से निकल कर देवरा पहुंची थी। 12 जून को देवरा से अमरौनिया, कुपिया, कसार होते सटई में रात्रि विश्राम किया गया। इसके बाद 13 जून को सुबह छतरपुर जिला मुख्यालय की ओर यात्रा रवाना हुई।

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