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छतरपुर

मंत्री वीरेन्द्र खटीक की टिकिट के विरुद्ध दिग्गजों ने हाथ उठाकर लिया संकल्प

– टीकमगढ़ में हुई दोनों जिलों के दिग्गज भाजपा नेताओं की गुप्त बैठक

छतरपुरMar 19, 2019 / 08:33 pm

Neeraj soni

 Secret meetings of veteran BJP leaders from both the districts of Tikamgarh

Chhatarpur

छतरपुर। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है राजनैतिक गलियारों में नए समीकरणों का निर्माण शुरू हो गया है। चुनाव से जुड़ी ताजा खबर टीकमगढ़ से सामने आई है, जहां छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिले के दिग्गज भाजपा नेताओं ने एक गुप्त बैठक कर टीकमगढ़ सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. वीरेन्द्र खटीक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बैठक में भाजपाई दिग्गजों ने रणनीति बनाई है कि यदि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने तीसरी बार टीकमगढ़ लोकसभा से डॉ. वीरेन्द्र कुमार को टिकिट दिया तो खुलकर उनका विरोध किया जाएगा। ये नेता पार्टी के शीर्ष नेताओं से मिलकर आग्रह करेंगे कि वर्तमान सांसद और केंद्रीय मंत्री वीरेन्द्र खटीक को इस बार टीकमगढ़ लोकसभा से टिकिट न दिया जाए। उनके स्थान पर किसी अन्य नेता को प्रत्याशी बनाया जाए।
सोमवार को दिन भर इस बैठक में शामिल नेताओं की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होती रहीं। इन तस्वीरों में पूर्व मंत्री एवं छतरपुर विधायक रहीं ललिता यादव, पूर्व मंत्री एवं जतारा से वर्तमान विधायक हरिशंकर खटीक, पूर्व बिजावर विधायक गुड्डन पाठक, टीकमगढ़ के पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव, बुंदेल विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष बेबी राजा, चंदला के पूर्व विधायक आरडी प्रजापति, सांसद की टिकिट की रेस में चल रहे टीकमगढ़ के नेता पर्वत लाल अहिरवार एक दूसरे का हाथ पकड़कर संकल्प लेते नजर आ रहे हैं। बैठक में मौजूद सूत्रों ने बताया कि छतरपुर और टीकमगढ़ के दिग्गज भाजपा नेताओं में सांसद वीरेन्द्र कुमार को लेकर गहरा असंतोष है। इन नेताओं ने बैठक में स्पष्ट रणनीति बनाई है कि यदि भाजपा वीरेन्द्र कुमार को टिकिट देती है तो उनका विरोध किया जाएगा।
विधानसभा चुनाव के पूर्व महाराजपुर में भी हो चुकी है ऐसी बैठक :
टीकमगढ़ के एक फार्म हाउस में जिस तरह भाजपा के भीतर अंतर कलह की बुनियाद पड़ती नजर आई उसका असर चुनाव परिणामों पर पड़ सकता है। सांसद वीरेन्द्र कुमार को टिकिट न दिए जाने की मांग करने वाले नेता अपने-अपने क्षेत्र के दिग्गज नेता हैं। यदि भाजपा ने इन नेताओं को दरकिनार कर वीरेन्द्र कुमार को टिकिट दी तो पार्टी को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है। इस तरह के अंतरकलह से होने वाले नुकसान की गवाही पिछला विधानसभा चुनाव भी देता है। विधानसभा चुनाव में जब छतरपुर जिले की महाराजपुर सीट से भाजपा नेताओं के विरोध के बाद भी भंवर राजा को टिकिट दिया गया था तो क्षेत्र के ग्राम ददरी में सभी विरोधी भाजपा नेताओं ने एक बैठक कर विरोध की रणनीति बनाई थी और इसी अंतरकलह के कारण भाजपा प्रत्याशी भंवर राजा को लगभग 9 हजार वोट से चुनाव हारना पड़ा था।
क्षेत्र के विकास के लिए निर्णय लिया है:
इस बार क्षेत्र की जनता वर्तमान सांसद से असंतुष्ट है। लोग स्थानीय उम्मीदवार ही चाह रहे है। क्षेत्र की जनता कीभावनाओं से केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराना जरूरी है। लोगों की भावनाओं के विपरीत अगर टीकमगढ़ से बाहरी व्यक्ति को टिकट दिया जाता है तो हम जनता के साथ रहूंगी।
– ललिता यादव, पूर्व मंत्री
पैरासूट उम्मीदवार नहीं चलेगा :
सांसद डॉ वीरेन्द्र खटीक को अगर इस बार टिकट दिया गया तो हम लोग खुलकर विरोध करेंगे। पार्टी नेतृत्व को भी अवगत करा दिया गया है। इस बार पैरासूट उम्मीदवार नहीं चाहिए।
– आरडी प्रजापति, पूर्व विधायक
स्थानीय प्रत्याशी को मिले टिकट :
हम लोगों ने सामूहिक रूप से निर्णय लिया है कि इस बार टीकमगढ़ सीट से स्थानीय प्रत्याशी को टिकट दिया जाए। पार्टी नेतृत्व को हम सभी लोगों ने अपनी बात पहुंचा दी है उम्मीद है जन भावनाओं का ख्याल रखा जाएगा।
– पुष्पेंद्रनाथ पाठक पूर्व विधायक

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