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छतरपुर

ऐसा क्या हुआ कि अफसर के सामने रो पड़ी ये महिलाएं, जानने के लिए करें क्लिक

जनसुनवाई में झलकी पीड़ा, ज्यादा बिजली बिल आने से रो पड़ी महिला

छतरपुरJun 19, 2019 / 03:45 pm

हामिद खान

What happened that the women crying in front of the officers, click to know click

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छतरपुर. विभिन्न विभागों से संबंधित छोटी-छोटी समस्याओं का निदान स्थानीय सरकारी कार्यालय में नहीं हो पा रहा है। सरकारी विभागों में स्थानीय स्तर पर समस्याओं का समाधान नहीं होने से परेशान लोग जनसुनवाई में कलेक्टर के पास पहुंच रहे हैं। कलेक्टर जनसुनवाई में मंगलवार को बड़ामलहरा ब्लॉक के बोकना गांव के बच्चे और 50 परिवार सड़क की मांग को लेकर पहुंचे। बच्चों ने कलेक्टर मोहित बुंदस से मदद की गुहार लगाई। वहीं, सिलाई का काम करके अपना भरण पोषण करने वाली एक महिला ज्यादा बिजली बिल की तीन बार शिकायत के बावजूद समाधान न होने पर कलेक्टर के पास पहुंची और मदद की गुहार लगाते हुए फू ट-फूट कर रोने लगी।
बड़ामलहरा विकासखंड के बोकना गांव के लोग सड़क न होने से परेशान है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सरकारी अमले से कई बार अपनी समस्या बताकर मदद मांगी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। परेशान होकर मंगलवार को कलेक्टर जनसुनवाई में मदद मांगने गांव के 50 परिवार बच्चों समेत पहुंचे। बोकना गांव के स्कूली बच्चे गोविन्द सिंह ने बताया कि, उनके गांव में सड़क नहीं होने से बारिश के मौसम में नाला पार स्कूल जाने में मुसीबत होती है। नाला में पानी होने पर दो-तीन घंटे पानी कम होने का इंतजार करना पड़ता है। ज्यादा बारिश में स्कूल जा ही नहीं पाते हैं। गांव के निवासी वीर सिंह ने बताया कि, सड़क को लेकर कई बार आवेदन दिया, आश्वासन में ही कई साल निकल गए। बारिश आने वाली है, जिससे बच्चे स्कूल नहीं जा पाएंगे, इसलिए कलेक्टर से गुहार लगाने आए हैं। कलेक्टर ने बच्चों को उनकी समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है।
नहीं सुनी बिजली कंपनी के अधिकारियों ने
नारायणबाग निवासी महिला ईदुल बानो मंसूरी सिलाई-कढ़ाई का काम करने गरीबी में अपना जीवन यापन करती है। उनके किराए के घर का बिजली बिल 150 से 200 रुपए के बीच आता था। लेकिन पिछले कुछ महीनों से उनका बिल 1500 रुपए आ रहा है। इसकी शिकायत उन्होंने बिजली कंपनी के अधिकारियों से की, तो उन्होंने समस्या के समाधान का आश्वासन तो दिया, लेकिन तीन बार अधिकारियों से अपनी समस्या बताने पर भी समाधान नहीं मिला। मंगलवार को जनसुनवाई में बानों जैसे ही कलेक्टर के सामने पहुंची तो मदद की गुहार लगाते हुए फूट-फूटकर रोने लगी। महिला का कहना है, कि गरीबी में अपना जीवन गुजार रहे हैं, 1500 रुपए का बिल चुकाना उनके बस से बाहर है। लेकिन कोई भी उनकी नहीं सुन रहा है। महिला के आवेदन को कलेक्टर मोहित बुंदस ने बिजली कंपनी के अधिकारियों को देकर तुरंत समाधान कराने के निर्देश दिए।
आदिवासी की जमीन पर कब्जा
घुवारा तहसील के भैसा खेरा गांव का निवासी भुल्ला आदिवासी पिछले 50 साल से 1.87 हेक्टेयर सरकारी जमीन पर खेती करके अपना परिवार पाल रहा है। इसके एवज में तहसील में हर साल जुर्माना भी भरता रहा है। लेकिन गांव के दबंगों ने उस जमीन पर कब्जा कर लिया है। जिससे उसके सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है। स्थानीय प्रशासन से मदद न मिलने पर 100 किलोमीटर दूर कलेक्टर जनसुनवाई में पहुंचे आदिवासी ने जमीन दिलाने की गुहार लगाई।

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