उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल में एसएनसीयू की स्थापना को चार वर्ष हो गए, लेकिन अब तक यूनिट में वेंटीलेटर और इमरजेंसी गेट नहीं है। हालांकि ऑक्सीजन और आग से निपटने पर्याप्त व्यवस्था बना ली गई है। यहां जिलेभर के ‘0’ से ‘28’ दिन तक के गम्भीर या असाधारण शिशुओं को भर्ती किया जाता है। बताया जाता है कि यूनिट में 22 वार्मर मशीनें हैं, जिसमें दो खराब है। क्षमता से अधिक मामले आने पर कई बार एक वार्मर पर दो या तीन शिशुओं को रखा जाता है। जबकि संक्रमित शिशु के आने पर दुविधा बढ़ जाती है।
सिविल सर्जन सह अधीक्षक डॉ. जेएस गोगिया को भी इस मामले की जानकारी नहीं है। जब मामले में उनसे जानकारी मांगी गई तो उन्होंने सम्बंधित विभाग के प्रभारी से जानकारी मांगने की बात कह दी। जबकि एक दिन पहले ही बुधवार को ही जिला योजना समिति की बैठक में स्वास्थ्य विभाग ने अगस्त माह का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया था। गौरतलब है कि गतवर्ष एनएचएम ने इमरजेंसी गेट समेत अन्य कार्यों के लिए १५ लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया था, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण राशि का सद्पयोग नहीं किया गया। यही वजह है कि यूनिट में अब तक इमरजेंसी गेट नहीं बन सका है।
अगस्त माह का ब्योरा (स्वास्थ्य विभाग के रिपोर्ट कार्ड के अनुसार)
469 जिला अस्पताल में जन्मे शिशु
338 बाहर से भर्ती किए गए शिशु
593 शिशु भर्ती किए गए अप्रैल-जुलाई तक स्वाइन फ्लू का एक और संदिग्ध मिला
जिले में एच-१ एन-१ वायरस लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। इसके चलते आए दिन स्वाइन फ्लू के संदिग्ध जिला अस्पताल पहुंच रहे है। गुरुवार को एक और संदिग्ध को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है तथा दो मरीजों के सेम्पल को जांच के लिए जबलपुर भेजा गया है। वहीं वार्ड में वर्तमान में चार संदिग्ध मरीजों का उपचार जारी है। मिली जानकारी के अनुसार इसके पूर्व एक महिला की जांच रिपोर्ट रिजेक्ट होने से दोबारा संबंधित संदिग्ध समेत अन्य मरीज के सेम्पल जबलपुर भेजे गए है।
मौसमी परिवर्तन के कारण डेंगू जैसे घातक रोगों के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके चलते गुरुवार को अमरवाड़ा के ग्राम मानका में एक और मरीज डेंगू पॉजिटिव पाया गया है। बताया जाता है कि जिला अस्पताल में २० संदिग्धों की एलाइजा जांच की गई थी। इनमें से एक मरीज पॉजिटिव तथा शेष सामान्य पाए गए। गौरतलब है कि जिले में डेंगू का यह चौथा मरीज पॉजिटिव मिला है। इसमें अमरवाड़ा के दो, मोहखेड़ के एक तथा एक मरीज छिंदवाड़ा में मिला था। हालांकि छिंदवाड़ा का मरीज भोपाल से ही डेंगू से पीडि़त होकर आया था। बताया जाता है कि अमरवाड़ा से मिले दूसरे पॉजिटिव मरीज को उनके परिजन डॉक्टर पर दबाव बनाकर नागपुर उपचार के लिए ले गए हैं।