समितियों और दुकानदारों के गठजोड़ से कालाबाजारी
प्रशासन द्वारा तय व्यवस्था में सहकारी समितियों को 80 फीसदी और निजी दुकानदारों को 20 फीसदी यूरिया आवंटन का नियम है। मैदान में समितियों के पास कम यूरिया मिल रहा है तो दुकानदारों के पास ज्यादा। इससे साफ है कि समितियों के कर्ताधर्ता सीधे निजी दुकानदारों से सांठगांठ कर ज्यादा दाम में यूरिया पहुंचा रहे हैं और किसानों को कालाबाजारी के जरिए यूरिया मिल रहा है। इस गठजोड़ को तोडऩे के लिए प्रशासन को पूरे जिले में राजस्व, पुलिस और कृषि विभाग का संयुक्त दल गठित कर जांच अभियान चलाना चाहिए। तभी इस पर अंकुश लगेगा।
ब्लैक में यूरिया बेचने पर हंगामा
अमरवाड़ा. एक ओर तो यूरिया के लिए किसानों के साथ पुलिस को भी भारी मशक्कत करनी पड़ रही है तो वहीं दूसरी ओर यूरिया की कालाबाजारी भी जमकर हो रही है। जागीर क्षेत्र के बटकाखापा धनोराण, तीनसई, खिरदा बांका, आंचल कुड, परतापुर, अतरिया, सुरलाखापा, गौरपानी आदि स्थानों पर यही स्थिति देखने में आ रही है।
शनिवार को भी एक ट्रक में करीब 500 बोरी यूरिया पहुंचा। इसे बटकाखापा थाना अंतर्गत धनौरा चौकी के ग्राम तिनसई में आदिवासी किसानों को 500-525 रुपए तक बेचा जा रहा था। कुछ जागरूक युवकों ने इसकी शिकायत प्रशासन को दी, लेकिन तब तक व्यापारी ने करीब 200 बोरी यूरिया का विक्रय कर दिया था। इधर सूचना पर बटकाखापा थाना, धनोरा चौकी से पुलिस बल मौके पर पहुंचा और ट्रक जब्त कर व्यापारी को पकड़ा।