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छिंदवाड़ा

Agriculture: वर्तमान मौसम के हिसाब से वैज्ञानिकों ने दी सलाह

Agriculture: अंतरवर्तीय फसलों पर दिया जोर

छिंदवाड़ाNov 21, 2019 / 12:29 pm

prabha shankar

farmers facing difficulties due to agriculture department vacant posts

farmers facing difficulties due to agriculture department vacant posts

छिंदवाड़ा/ पूरे जिले में मौसम इन दिनों पूरी तरह साफ है और किसानों को अब खेतों में तत्काल रबी की फसल बोने को कहा जा रहा है। इसके साथ अंतरवर्तीय फसलों को खेतों में लगाने की सलाह भी दी जा रही है। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों में जिले में किसी भी क्षेत्र में बादल होने या फिर बारिश जैसी सम्भावनाएं नहीं बताई हैं। इसीलिए खेतों में बची खरीफ की फसलों को जल्द काटने और खेतों को समतल कर चना और सरसों जैसी फसलों की तुरंत बोवनी करने कहा है।
कृषि जानकारों ने कहा है कि जिले में चने के साथ लगभग 35 प्रतिशत क्षेत्र में गेहूं की बोवनी भी हो चुकी है। इसके पौधे यदि 15 से 20 दिन के हो गए हैं तो पहली सिंचाई करने किसानों से कहा जा रहा है। 25 नवम्बर तक किसानों को गेहूं की शीघ्र पकने वाली जातियों की बोने की सलाह दी जा रही है। इसके बाद यदि वे बोवनी करते हैं तो इसमें बीजों को 25 प्रतिशत ज्यादा डालने कहा गया है।

दो-तीन जुताई कर पाटा लगाएं चने के लिए
चने की बुआई के लिए खेत को तैयार करते समय दो से तीन जुताई कर खेत को समतल बनाने के लिए पाटा लगाने कहा जा रहा है। चने की फसल कतार में बोने की सलाह भी वैज्ञानिक और विशेषज्ञ दे रहे हैं। उसकी दूरी 30 सेमी रखने और और चना किस्म के लिए जेजी 14, 16, 11, 74, 130 बोने कहा गया है।

अंतरवर्तीय फसल लगाएं तो होगा फायदा
किसानों को परम्परागत खेती से हटकर काम करने कहा जा रहा है। ऐसे किसान जिनके पास सिंचाई के सीमित साधन हैं उन्हें अंतरवर्ती फसलें जैसे चना-सरसों, गेहूं-सरसों, चना-अलसी, चना-कुसुम, तोरिया-सरसों और करड़-सरसों एक साथ बोने की सलाह दी जा रही है। इसी प्रकार चने के जिन खेतो में उकठा और कालर राट बीमारी का प्रकोप हर साल होता है वहां चने के स्थान पर गेहूं, तिवडा, कुसुम और अलसी की बुवाई कर फसल चक्र अपनाने को कहा जा रहा है।

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