जांच रिपोर्ट नहीं मिली
वर्ष 2021 में शराब के पांच सेम्पल लिए थे, जिन्हें जांच के लिए भेजे गए थे, लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं मिली है, इस बार अभी एक भी सेम्पल नहीं लिए हैं।
पुरुषोत्तम भंडारिया, खाद्य औषधि निरीक्षक
सरकार मिलावटखोरों को लेकर अभियान तो चला रही, लेकिन शराब की जांच को लेकर अभी तक कोई सुगबुगाहट नहीं है
छिंदवाड़ा•Jan 22, 2022 / 12:22 pm•
babanrao pathe
Alcohol
छिंदवाड़ा. सरकार मिलावटखोरों को लेकर अभियान तो चला रही, लेकिन शराब की जांच को लेकर अभी तक कोई सुगबुगाहट नहीं है। जबकि प्रदेश में जहरीली शराब से लोगों की मौत के कई मामले सामने आ चुके हैं, इसके बाद भी शराब की जांच को लेकर जिला प्रशासन और खासतौर पर खाद्य एवं औषधि प्रसंस्करण विभाग पर सवाल उठ रहे हैं आखिर जांच क्यों नहीं हो रही है।
प्रदेश में जहरीली शराब से मौत के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। इस गम्भीर विषय को लेकर कोई भी जिले में गम्भीर नजर नहीं आ रहा है। शराब पीने के बाद मौत होने जैसे मामले छिंदवाड़ा में भी सामने आए हैं, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई कि आखिर शराब कैसी थी। शराब की जांच नहीं होने के कारण मुख्य वजह का खुलासा नहीं हो पाया। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर जिम्मेदार शराब के सेम्पल लेकर जांच के लिए क्यों नहीं भेजते। विभागीय अधिकारी के मुताबिक शराब का सेम्पल भेजने के बाद भी अगर जांच रिपोर्ट पर प्राप्त नहीं हो रही है तो यह भी बड़ी लापरवाही है। खाद्य औषधि प्रसंस्करण विभाग के अधिकारी ने रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए दोबारा पत्राचार भी नहीं किया। इससे यह भी जाहिर होता है कि जिले की शराब दुकानों से बेची जाने वाली शराब में एल्कोहल की मात्रा सहित और क्या कुछ मिलाया गया है इसकी कोई जानकारी विभाग के पास नहीं है।
एफएसएसएआइ के पत्र पर नहीं गम्भीर
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण नई दिल्ली ने एक पत्र खाद्य आयुक्त को जारी किया है जिसमें इस बात का उल्लेख किया है कि प्रदेश की राजधानी सहित समस्त जिलों में देशी और विदेशी शराब के सेम्पल लेकर उसकी जांच करना है, लेकिन पत्र को लेकर सम्बंधित विभाग गम्भीर नहीं है। जिले में शराब की बिक्री को लेकर बात की जाए तो प्रतिदिन 80 से 90 लाख रुपए कीमत की देशी और विदेशी शराब बेची जाती है।
जांच रिपोर्ट नहीं मिली
वर्ष 2021 में शराब के पांच सेम्पल लिए थे, जिन्हें जांच के लिए भेजे गए थे, लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं मिली है, इस बार अभी एक भी सेम्पल नहीं लिए हैं।
पुरुषोत्तम भंडारिया, खाद्य औषधि निरीक्षक