दरअसल चौरई विकासखंड के ग्राम लिखड़ी निवासी वृद्ध गीता पति मानसिंह को हृदय रोग से पीडि़त होने पर सोमवार को आइसीसीयू विभाग में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने समय-समय पर उपचार किया और शुक्रवार को मरीज को जनरल वार्ड में शिफ्ट करने के लिए लिख दिया गया। जानकारी के अभाव में पीडि़त इधर से उधर भटकते रहे, जगह नहीं मिलने पर औषधि भंडार कक्ष के सामने बैठ गए। इस लापरवाही पर विधायक प्रतिनिधि अरविंद राजपूत ने विभागीय अधिकारियों से शिकायत की तथा उचित कार्रवाई की मांग रखी। हालांकि मामले में डॉक्टर ने मरीज का उपचार प्रोटोकॉल के तहत ही करना बताया है और सुधार होने पर जनरल वार्ड में शिफ्ट करना बताया है।
निजी लैब से कराई गई ब्लड जांच
महीनों से बंद बायोकैमिस्ट्री लैब और मेडिकल कॉलेज की लैब शुरू न होने का लाभ निजी लैब संचालकों को मिल रहा है। ये मरीजों से मनमाना शुल्क वसूल रहे हैं। अधिकारियों को भी इसकी जानकारी है, लेकिन कोई भी इसे गम्भीरता से नहीं लेता। इतना ही नहीं निजी लैब के कर्मचारी वार्ड में भर्ती मरीजों के ब्लड सेम्पल भी ले जाते है। परिजन ने बताया कि डॉक्टरों की सलाह में उन्होंने विभिन्न ब्लड जांच कराई, जिसके 2800 रुपए वसूल लिए गए तथा बिल भी नहीं दिया।
डॉक्टर ने फाड़ी पर्ची
मरीज की बेटी सरोज ठाकुर ने बताया कि वह अपनी मां को गम्भीर हालत में लेकर सोमवार को जिला अस्पताल की ट्रामा यूनिट में पहुंची थी। सरोज ठाकुर ने आरोप लगाया कि महिला डॉक्टर द्वारा इलाज करने की बजाय ओपीडी पंजीयन पर्ची फाड़ दी गई। उन्होंने इसकी शिकायत आरएमओ डॉ. सुशील दुबे से की गई है।