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छिंदवाड़ा

एक गांव ऐसा भी जहां हर दूसरे घर में अपराधी

इस गांव के अपराधी पूरे भारत में वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।

छिंदवाड़ाAug 21, 2017 / 12:10 am

Rajendra Sharma

Arrested 2 members of Anna gang

Arrested 2 members of Anna gang


छिंदवाड़ा/नागपुर . नागपुर पुलिस की कार्रवाई में खुलासा हुआ है कि एक गांव ऐसा है जहां हर दूसरे घर में अपराधी हैं। हालांकि यह गांव तमिलनाड़ू के पास है, लेकिन इस गांव के अपराधी पूरे भारत में वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
दरअसल, 11 जुलाई को झांसी रानी चौक के समीप बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम के सामने से कैश वैन से 14 लाख रुपए चोरी करने वाली अन्ना गैंग के 2 सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों से मोटी कैश भी जब्त कर ली है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। पकड़े गए आरोपियों में त्रिची, तमिलनाड़ू निवासी मंजन उर्फ मंजूनाथन श्रीनिवास और कालेय उर्फ मूर्ति करुथदुरई शामिल है। फरार आरोपी कुमारन बालसुब्रमण्यम, मोहन मनिक्कम और श्रावनन मनिक्कम की तलाश जारी है।
जानकारी के अनुसार 11 जुलाई की शाम सिस्को कम्पनी की कैश वैन झांसी रानी चौक के बैंक आफ इंडिया के एटीएम में कैश जमा करनी गई थी। इसी बीच एक बक्से में से 14 लाख रुपए चोरी हो गए थे और बूटीबोरी जाने के बाद कैश वैन की टीम को नकद चोरी होने का पता चला था। पुलिस ने मामले की जांच शुरु कीए लेकिन एटीएम और पड़ोस की दूकान में लगे सीसीटीवी फुटेज में कुछ नहीं मिला। पुलिस ने दोबारा गनमैन और ड्राइवर से पूछताछ की। गनमैन को कुछ पता नहीं था, लेकिन ड्राइवर ने बताया कि उस समय एक व्यक्ति उसके पास आया था। उसने गाड़ी के बाहर रुपए गिरे होने की जानकारी दी थी। 10-10 के नोट रास्ते पर पड़े थे। वह रुपए उठाने के लिए गाड़ी से नीचे उतरा था। इस तरह अन्ना गैंग बैग लिफ्टिंग की वारदातों को अंजाम देती है। इसीलिए पुलिस का शक अन्ना गैंग पर गया। एक आरोपी गनमैन के पास खड़ा होकर एटीएम खुलने का इंतजार कर रहा था। एक आरोपी ने शटर खोलने का नाटक किया, तो गनमैन गाड़ी से उसके पास गया। इसी बीच दोनों आरोपियों ने गनमैन को बातों में उलझाए रखा। एक आरोपी ने वैन के बक्से में से 14 लाख के नोटों का बंडल चोरी कर लिया और फरार हो गया।
जांच में यह तो साफ हो गया था कि वारदात को अन्ना गैंग ने ही अंजाम दिया है, लेकिन कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा था। इसीलिए आस-पास के टावर का तकनीकी विश्लेषण किया गया। पुलिस ने एटीएम से दूर संभावित स्थानों पर लगे सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की। आरोपियों का सुराग जुटाने में पुलिस को करीब 25 दिन लग गए। इसके बाद एक दल तमिलनाडू रवाना हो गया। 2 आरोपी पुलिस के हाथ लग गए, जबकि अन्य फरार थे। पुलिस को दोनों आरोपियों के पास से करीब 11 लाख रुपए बरामद हुए। उनके बैंक खातों में जमा करीब 1 लाख रुपये भी फ्रीज करवा दिए गए। उन्हें शनिवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। अदालत ने 22 अगस्त तक पुलिस हिरासत हासिल की गई।
गिरोह करता है काम

जांच टीम के सदस्य ने बताया कि तमिलनाड़ू के पास बसे त्रिची गांव में कई दशकों से लोग यही काम करते आ रहे हैं। यहां हर दूसरे घर में चोर मिल जाएगा। गांव के ही कुछ लोग टोली चलाते हैं। युवाओं को अलग-अलग शहरों में ले जाया जाता है। पैसे गिरने या अन्य झांसा देकर लोगों की बैग उड़ाई जाती है। काम करने वाले को 1 लाख रुपए पर 5000 रुपए इनाम दिया जाता है। बाकी उस शहर में रहने और खाने का खर्च टोली का मुखिया ही करता है। एक शहर में 2 से 3 सप्ताह बिताने के बाद गिरोह दूसरे शहर में चले जाता है। डीसीपी राकेश ओलाए एसीपी राजेंद्र बोरवाके और पीआई सीमा मेहेंदले के मार्गदर्शन में एपीआई रवि राजुलवार, कमलाकर गड्डिमे, कांस्टेबल वीरेंद्र गुलरांधे, सुरेश जाधव, सुशील रेवतकर, विनोद वड़स्कर,अश्विनी भोसले और रीता कुमरे ने कार्रवाई को अंजाम दिया।

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