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छिंदवाड़ा

समितियों से किसानों का मोहभंग, यह है बड़ी वजह

मंडी में तीस हजार तो सरकारी केंद्रों में सिर्फ तीन हजार क्विंटल की आवक

छिंदवाड़ाMay 16, 2019 / 12:23 am

prabha shankar

Farmers selling wheat in Mandi will also get 160 rupees bonus

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छिंदवाड़ा. समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी में इस बार सरकार के हाथ खाली रहने वाले हैं। यह इसको देखकर ही समझा जा सकता है कि मंडी परिसर में किसान रोज 25 से 30 हजार क्विंटल गेहूं बेचने ला रहे हैं जबकि समिति के बने 115 केंद्रों में बमुश्किल से तीन हजार क्विंटल गेहूं की आवक ही हो रही है। बुधवार को जिला मुख्यालय स्थित कुसमेली कृषि उपज मंडी परिसर में लगभग 30 हजार क्विंटल गेहूं आया। शाम तक यहां नीलामी चलती रही और प्रति क्विंटल गेहंू का भाव 2105 रुपए तक पहुंच गया। बुधवार को भी ढाई सौ से ज्यादा ऐेसे किसान मंडी पहुंचे जिन्होंने समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराया था। दूसरी ओर समितियों में बुधवार की शाम तक तीन हजार 127 क्विंटल गेहूं पोर्टल पर अपलोड दिखा। दो महीने तक चलने वाली समर्थन मूल्य की खरीदी के लिए 55 हजार से ज्यादा किसानों का पंजीयन हुआ था। इसमें से बुधवार शाम तक चार हजार 514 किसानों की एंट्री समितियों के रजिस्टरों में हुई। यानी दस प्रतिशत किसान भी इस बार सरकार को गेहूं बेचने में रुचि लेते देखे नहीं गए। इधर मंडी में भाव लगातार बढ़ रहे हैं। जो रौनक कभी समिति केंद्रों में दिखती थी वो गेहूं के सीजन में मंडी परिसरों में दिख रही है।

दो लाख 61 हजार क्विंटल की हुई खरीदी
सरकार के उपार्जन केंद्रों से इस साल अब तक दो लाख 61 हजार 738 क्विंटल गेहूं खरीदा जा चुका है। पिछले साल अब तक की स्थिति में आठ लाख 79 हजार क्विंटल की खरीदी हो चुकी थी। इस बार अब तक गेहूं बेचने वाले चार हजार 514 किसानों को सरकार 48 करोड़ 15 लाख 98 हजार 668 रुपए का भुगतान करेगी। इसमें से 38 करोड़ 13 लाख के इपीओ बनाकर भोपाल भेज दिए गए हैं। जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक केके सोनी ने बताया कि 35 करोड़ 66 लाख रुपए का भुगतान किसानों के खातों में कर दिया गया है।
24 मई तक होना है खरीदी: 25 मार्च से शुरू हुई खरीदी 24 मई तक होना है। हर वर्ष गेहूं की खरीदी इसी तारीखों पर की जाती है। सरकार ने 1840 रुपए समर्थन मूल्य रखा है और प्रदेश सरकार 160 रुपए अतिरिक्त बोनस के रूप मेंं किसानों को देने की घोषणा कर चुकी है।
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