दरअसल, इस साल निर्यात के चलते गेहूं के भाव में तेजी रही और किसानों ने भी सरकारी खरीदी की ओर रुख तक नहीं किया। वहीं व्यापारियों ने भी 2,100 से लेकर 2,300 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से जमकर खरीदी की। अब ये भाव 2,100 रुपए प्रति क्विंटल से नीचे आ चुके हैं।
इस वर्ष गेहूं की रिकॉर्ड खरीदी दर्ज
इस वर्ष सिर्फ अप्रैल में ही कुसमेली कृषि उपज मंडी में नौ लाख क्विंटल गेहूं की खरीदी हुई। मंडी जानकारों की मानें तो आधा गेहूं ही अब तक निर्यात किया जा सका है। शेष अभी भी व्यापारियों के गोदामों में डम्प है। किसानों ने भी बताया कि बढ़ते दामों को देखते हुए उन्होंने भी अपना काफी गेहूं बचा रखा था।
बंदरगाह पर खड़ी हैं हजारों गाड़ियां
छिंदवाड़ा अनाज व्यापारी संघ अध्यक्ष प्रतीक शुक्ला ने बताया कि अचानक निर्यात बंद करने से व्यापारियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। बंदरगाह पर हजारों गाड़ियां खड़ी हैं जिनमें गेहूं लदा है। एक्सपोर्टर व्यापारियों के सौदे रद्द कर रहे हैं। भुगतान में भी संकट आ रहा है। इसी वजह से सकल अनाज दलहन तिलहन महासंघ के आह्वान पर मंगलवार एवं बुधवार को मंडी में सांकेतिक हड़ताल रहेगी। आगे का निर्णय महासंघ के आगामी निर्देशों एवं संघ कार्यकारिणी के आधार पर लिया जाएगा।