बस ऑपरेटरों की मांग पर मप्र सरकार ने पांच माह का रोड टैक्स माफ कर दिया है। सितम्बर माह का टैक्स भी पचास प्रतिशत ही जमा करना है इसके बाद भी बस संचालन के लिए परमिट नहीं लिए जा रहे। अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एवं ट्रैफिक डीएसपी बस ऑपरेटरों की बैठक लेकर बसों के संचालन के लिए चर्चा भी कर चुके हैं। इसके बाद भी सभी मार्गों पर पर्याप्त बसें नहीं चल रही। इसके पीछे की वजह यात्रियों का नहीं मिलना बताया जा रहा है। बस स्टैंड पर भी बसें यात्रियों के इंतजार में खड़ी है। बस में एक अधिक लोग सफर करते हैं। कोरोना संक्रमण के कारण लोग ऐसे वाहन में की सवारी करने से बच रहे हैं जिसमें अधिक लोग सवार होते हैं। यही वजह कि बसों को सवारी नहीं मिल रही। बस ऑपरेटर बस तो चलाना चाहता है पर उनके सामने यात्रियों की समस्या है। हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि अक्टूबर माह से स्थिति में सुधार हो सकता है और वाहनों को सवारी मिलना शुरू हो जाएगी, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा अभी भी संभव नजर नहीं आ रहा है।
परमिट लेने नहीं आ रहे ऑपरेटर
अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सुनील कुमार शुक्ला ने बताया कि पांच माह का रोड टैक्स माफ कर दिया गया है। इसकी जानकारी पोर्टल पर भी डाली जा चुकी है। सितम्बर माह का केवल 50 प्रतिशत टैक्स ही बस ऑपरेटरों को जमा करना है। बस संचालन को लेकर पूरे प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक एक भी बस ऑपरेटर ने परमिट के लिए आवेदन नहीं किया है। अक्टूबर माह से स्थिति सुधार सकती है। वहीं जिला बस एसोसिएशन के अध्यक्ष रोमी राय का कहना है कि किराया में संशोधन किया जाएगा तब ही वाहनों का खर्च निकलेगा। आइ फार्म की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए। कोरोना के कारण आम लोग बसों में सफर करने से भी डर रहे हैं। स्थिति सामान्य होने तक यात्री बसों का संचालन बड़ा मुश्किल होगा।