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छिंदवाड़ा

रेल बजट से बाहर हुआ छिंदवाड़ा

वित्तमंत्री से थी कई घोषणाओं की उम्मीद

छिंदवाड़ाFeb 03, 2024 / 07:19 pm

mantosh singh

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छिंदवाड़ा. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आम बजट के साथ रेल बजट भी पेश किया। हालांकि बजट में छिंदवाड़ा से जुड़ी कोई परियोजना की घोषणा नहीं हुई। रेलवे द्वारा रेल बजट को लेकर जारी की गई पिंक बुक में कहीं भी छिंदवाड़ा का नाम नहीं है। न ही नई रेल लाइन और न ही दोहरीकरण को लेकर कोई बजट दिया गया है। जबकि छिंदवाड़ा से सागर तक रेल परियोजना एवं छिंदवाड़ा से आमला, छिंदवाड़ा से नैनपुर, छिंदवाड़ा इतवारी तक दोहरी लाइन की घोषणा की उम्मीद थी।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013-14 में छिंदवाड़ा-गाडरवारा-उदयपुरा- जैसीनगर-सागर-बंडा-बड़ामलहरा-खजुराहो रूट का जीआईएस सर्वे पूरा हुआ था। हालांकि रेलवे के अधिकारियों के अनुसार जीआईएस सर्वे बहुत शुरुआती स्टेज थी। इसकी रिपोर्ट संबंधित रेलवे बोर्ड को भेजी गई। वहां से हरी झंडी नहीं मिल पाई।
दरअसल किसी भी रूट पर रेलवे के कमर्शियल सेक्शन को अगर अच्छा आरओआर यानी रेट ऑफ रिटर्न (लागत की वापसी की दर) मिलने की संभावना रहती है, तो ही फाइनल लोकेशन का सर्वे शुरु किया जाता है, लेकिन कमर्शियल सेक्शन को छिंदवाड़ा-सागर रूट पर अच्छा आरओआर नहीं मिला। इसके बाद से मामला ठंडे बस्ते में चला गया। तभी से इस रेल परियोजना की मांग उठती रही। वर्ष 2022 में तत्कालीन रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा सांसद कैलाश सोनी के सवाल पर कहा कि सागर-छिंदवाड़ा रेल लाइन परियोजना को, कम यातायात संभावनाओं और वित्तीय रूप से लाभप्रद नहीं होने के कारण आगे नहीं बढ़ाया जा सका है।
उन्होंने कहा कि सागर-छिंदवाड़ा नई रेल लाइन (279 किलोमीटर) के लिए सर्वेक्षण पूरा किया गया था और उस सर्वेक्षण रिपोर्ट की जांच की गई। मंत्री ने कहा था कि प्रस्तावित लाइन का बड़ा हिस्सा वन क्षेत्र से गुजरता है और इसमें 14 सुरंगें भी शामिल हैं। कम यातायात संभावनाओं को देखते हुए और वित्तीय रूप से लाभप्रद न होने के कारण इस परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सका। हालांकि राज्यसभा सांसद ने रेलमंत्री को आश्वस्त किया था कि अगर यह रेल परियोजना पूरी हो जाएगी तो चार से पांच साल में रेलवे लागत मूल्य भी वसूल लेगा। तब से अब तक हर साल रेल बजट में इस रेल परियोजना को लेकर घोषणा की उम्मीद लगाती जाती रही है।
4805 करोड़ रुपए की प्रस्तावित थी रेल परियोजना
बताया जाता है कि सागर-नरसिंहपुर-छिंदवाड़ा जिले को जोडऩे वाली प्रस्तावित छिंदवाड़ा-करेली-देवरी-सागर रेल लाइन का सर्वे होने के बाद से इसकी लागत 4805 करोड़ रुपए प्रस्तावित की गई थी। हालांकि इस परियोजना के परवान चढऩे का अब भी इंतजार है। यह रेल लाइन अगर पूरी होती है तो सागर, दमोह, होशंगाबाद, छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र के शहरी व ग्रामीण अंचल से होकर गुजरेगी।
नागपुर की दूरी होती कम
इस रेल मार्ग के बनने से नागपुर के रास्ते दक्षिण जाने एवं राजधानी दिल्ली की दूरी भी कम हो जाएगी। यह मार्ग गोंडवाना, सतपुड़ा, बुंदेलखंड अंचल रेल सुविधाओं में देश में सबसे ज्यादा पिछड़ा है। बुंदेलखंड की आबादी देश आबादी का पांच प्रतिशत है, लेकिन रेल लाइन देश की कुल लाइनों की एक प्रतिशत भी नही है। वर्तमान रेल रूट से नरसिंहपुर से नागपुर पहुंचने में 12 घंटे लगते हैं, यदि ये रेल लाइन बन जाएगी तो मात्र तीन घंटे में नागपुर के लगेंगे।
दोहरी लाइन की भी घोषणा नहीं
छिंदवाड़ा से आमला, छिंदवाड़ा से नैनपुर एवं छिंदवाड़ा से इतवारी तक सिंगल रेल लाइन है। जबकि प्रदेश एवं देश के विभिन्न जगहों पर वर्तमान में तीसरी एवं चौथी रेल लाइन का कार्य हो रहा है। बजट में उम्मीद थी कि वित्तमंत्री दोहरी लाइन के लिए भी घोषणा करेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ऐसे में आने वाले समय में जब ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी तो सिंगल रेल लाइन से समस्या आएगी। ट्रेनें घंटों लेट होंगी।

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