हर्रई से ग्राम चिखली के ३२ किमी मार्ग पर यह गांव बम्होरी है। जहां जाने से पहले शक्कर नदी को पार करना पड़ता है। यहां लोक निर्माण विभाग द्वारा पिछले दो साल से दो करोड़ रुपए की लागत से पुल का निर्माण कराया जा रहा है। इस पुल के एक हिस्से को बम्होरी की तरफ से पूरा किया गया है। इसके कारण ग्रामीणों और बच्चों को हर समय पुल से नीचे उतरकर हर्रई और बारगी आना पड़ता है। जब नदी में पानी होता है तो जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ता है।
सोमवार अलसुबह ४ बजे से हो रही बारिश से नदी में पानी ओवरफ्लो हो गया। बरसात थमने पर सुबह १० बजे नदी में पानी कम हुआ तो गांव के बच्चे हर्रई और बारगी की शालाओं की ओर रवाना हुए। नदी में पानी था इसलिए गांव के लोगों ने यहां सीढ़ी लगाई और एक-एक कर बच्चों को नदी पार कराया और स्कूल भेजा। शाम के समय भी यहीं हालात बने। जब सीढ़ी लगाकर बच्चों और ग्रामीणों को घर वापस लौटना पड़ा। उनके मुताबिक इस अधूरे पुल को पूरा करने के लिए कई बार अधिकारियों को कहा गया लेकिन किसी ने नहीं सुनी। जब भी बारिश होती है, उन्हें मजबूरी में एेसा करना पड़ता है।
सम्बंधित निर्माण एजेंसी से चर्चा की जाएगी
ग्राम बम्होरी के बच्चों द्वारा सीढ़ी लगाकर नदी में उतरना और स्कूल जाना चिंताजनक है। इस पर संबंधित निर्माण एजेंसी से चर्चा की जाएगी और अधूरा पुल को जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
रोहित सिंह, प्रभारी कलेक्टर
ग्राम बम्होरी के बच्चों द्वारा सीढ़ी लगाकर नदी में उतरना और स्कूल जाना चिंताजनक है। इस पर संबंधित निर्माण एजेंसी से चर्चा की जाएगी और अधूरा पुल को जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
रोहित सिंह, प्रभारी कलेक्टर
अधिकारियों को प्रतिवेदन दिया जा चुका है
ग्राम बम्होरी में शक्कर नदी के पुल को पूरा करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को प्रतिवेदन पहले दिया जा चुका है। अधूरे पुल से हमेशा बारिश में परेशानी होती है। हम एक बार फिर इस पर ध्यान दिलाएंगे।
राजेन्द्र तेकाम, तहसीलदार हर्रई
ग्राम बम्होरी में शक्कर नदी के पुल को पूरा करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को प्रतिवेदन पहले दिया जा चुका है। अधूरे पुल से हमेशा बारिश में परेशानी होती है। हम एक बार फिर इस पर ध्यान दिलाएंगे।
राजेन्द्र तेकाम, तहसीलदार हर्रई