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छिंदवाड़ा

डेढ़ करोड़ की लीपापोती में सांठगांठ से लाखों की चांदी, संचालक ने लगाई फटकार

डेढ़ करोड़ की लीपापोती का मामला ~ ऑडिट की आपत्ति पर सीएमएचओ-लेखापाल नहीं दे सके जवाब, स्वास्थ्य संचालक ने वित्तीय अनियमितता पर लगाई फटकार

छिंदवाड़ाDec 30, 2018 / 12:13 pm

Dinesh Sahu

Health director

डेढ़ करोड़ की लीपापोती में सांठगांठ से लाखों की चांदी, संचालक ने लगाई फटकार

छिंदवाड़ा. जिले की विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाओं में करीब डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से की गई लीपोपोती और रंगरोगन मामले सतपुड़ा भवन मप्र स्वास्थ्य (सेवाएं) संचालनालय भोपाल में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा लेखापाल उचित जवाब नहीं दे पाए और न ही कार्यों के दस्तावेज प्रस्तुत किए गए। इस लापरवाही पर संचालक डॉ. बीएन चौहान ने भी माना कि सीएमएचओ तथा लेखापाल ने अनियमितताएं की है। भोपाल की ऑडिट टीम द्वारा लगाई गई आपत्ति के सम्बंध में भेजे गए जांच प्रतिवेदन का भी जवाब भी नहीं दिया गया और न ही उक्त कार्यों के बिल-बाउचर प्रस्तुत किए गए।
संचालक डॉ. चौहान ने बताया कि सीएमएचओ डॉ. जेएस गोगिया तथा लेखापाल भारती तिकाड़े को उक्त मामले में अपना पक्ष रखने के लिए भोपाल बुलाया था, लेकिन वे विभागीय निर्देश का पालन प्रतिवेदन लेकर नहीं पहुंचे थे। उल्लेखनीय है कि जिले की शासकीय चिकित्सा संस्थाओं में विगत वर्ष किए गए डेढ़ करोड़ के रंग-रोगन तथा मरम्मत की भोपाल से आई ऑडिट की टीम को बिल-बाउचर प्रस्तुत नहीं करने पर आपत्ति लगा दी गई थी। वहीं मामले को दबाने दोनों विभाग के अधिकारी एक-दूसरे पर पैसों की मांग करने का आरोप लगा रहे थे। इसके कारण छिंदवाड़ा से लेकर भोपाल तक बवाल मच गया था।

ठेकेदार को पहुंचाया गया लाभ


लीपापोती मामले में चिकित्सा अधिकारियों तथा कर्मचारियों की सांठगांठ से दवा की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार को सिविल कार्य सौंपा गया। इसके लिए ठेकेदार द्वारा अधिकारियों को नजराना भी दिया गया तथा इसी वजह से रंगरोगन और अन्य सिविल कार्यों की सिविल इंजीनियर से सत्यापन नहीं कराया गया। इधर, विभागीय लोगों में चर्चा है कि ठेकेदार से नजराना लेना अब अधिकारियों के लिए भारी पड़ रहा है।
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