scriptपांच वर्ष बाद भी नहीं मिला मुआवजा | Compensation not received even after five years | Patrika News
छिंदवाड़ा

पांच वर्ष बाद भी नहीं मिला मुआवजा

दर्जनों बांध निर्माण में अधिग्रहित कृषकों को मुआवजा नहीं मिल पा रहा जिसका कारण जल संसाधन विभाग द्वारा किसानों भूमि की रजिस्ट्री बैंकों में बंधक है।

छिंदवाड़ाFeb 25, 2020 / 05:46 pm

SACHIN NARNAWRE

सीकर. तालमेल में अटका प्रदेश के किसानों का ब्याज मुक्त लोन

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अमरवाड़ा. दर्जनों बांध निर्माण में अधिग्रहित कृषकों को मुआवजा नहीं मिल पा रहा जिसका कारण जल संसाधन विभाग द्वारा किसानों भूमि की रजिस्ट्री बैंकों में बंधक है। किसानों की भूमि अमरवाड़ा भू अर्जन क्रय नीति के तहत इस उपसंभाग के अंतर्गत जल संसाधन विभाग के अंतर्गत बांध एवं तालाब निर्माण के बाद जलाशय एवं नहरों में अर्जित की गई भूमि अधिग्रहण के बाद भी रजिस्ट्री नहीं करने से अवार्ड की राशि किसानों को भू अर्जन विभाग ने वितरित नहीं की है।
लगभग चार-पांच वर्ष पूर्व तेंदनी रैयत ग्राम में बने रीछन नाला के कृषक अनु लाल को तीन लाख का मुआवजा मान सिंह तेंदनी एवं सान्हा परधान के क्रमाश 70 हजार एवं 65 हजार का मुआवजा रजिस्ट्री नहीं होने से नहीं मिला।
ऐसे ही प्रकरण केकड़ा गोरैया साजवा बेलहरा के कृषकों ने जब रजिस्ट्री करने के लिए सिंचाई विभाग से कहा तो टालमटोली जल संसाधन विभाग के अधिकारी कर्मचारी कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया है कि विभाग के अधिकारी का कहना है कि रजिस्ट्री की कार्रवाई प्रक्रिया में तो है परंतु इनमें से कुछ किसानों का बैंकों के ऋण होने से उनकी जमीन बंधक है जिसके कारण उनकी रजिस्ट्री संपादित किया जाना संभव नहीं है। किसानों ने शासन से मांग की है कि उनका ऋण माफी प्रमाण पत्र के आधार पर रजिस्ट्री कराकर मुआवजा दिया जावे।
बांध निर्माण सर्वे कार्य का विरोध
अमरवाड़ा . जल संसाधन विभाग द्वारा ग्राम लाटगांव उमरिया में बांध निर्माण के लिए काश्तकारों की भूमि अधिग्रहण किए जाने के एिल सर्वे कार्य प्रारंभ होते हैं विरोध प्रारंभ हो गया है। सोमवार को ग्राम लाट गांव के कृषकों ने अमरवाड़ा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मधुवन्त राव धुर्वे को ज्ञापन सौंपकर विरोध दर्ज किया।
किसानों ने बताया उनकी संपूर्ण भूमि बांध निर्माण में शासन द्वारा अधिकृत करने पर लघु कस्त कारों के समक्ष एवं उनके परिवार के भरण पोषण एवं आजीविका के निर्वहन संकट उत्पन्न होगा। यदि सर्वे कार्य नहीं रोका गया तो रोजी रोटी छिन जाएगी। ज्ञापन सौंपते समय कृषक मोनू सूर्यवंशी, रामेश्वर ध्यान सिंह, शांताबाई, मीराबाई, रामवती लक्ष्मीनिया, गोविंद यादव गलीचंद आदि उपस्थित थे।

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