Corona effect: एक करोड़ एडवांस लेकर खड़े किए हाथ, जानिए क्या है मामला
मकानों का सर्वेक्षण नहीं कर रही है एजेंसी
छिंदवाड़ा. अमृत शहर छिंदवाड़ा में सम्पत्ति कर निर्धारण के लिए जरूरी मकान सर्वेक्षण का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। इस काम के लिए नियुक्त एजेंसी एक करोड़ रुपए का एडवांस भुगतान ले चुकी है। नगर निगम द्वारा नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन एजेंसी कोरोना की आड़ में काम करने के लिए तैयार नहीं है।
पिछले साल 2019 में अमृत योजनांतर्गत जीआइएस आधारित मास्टर प्लान पर एमपीएचएस द्वारा सम्पत्तिकर का निर्धारण सर्वे कार्य एजेंसी को डीपीआर लागत राशि 3.79 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान कर कार्यादेश जारी किया गया था। जीआइएस सर्वे में शहर की सीमा में स्थित परिसम्पत्तियों का जीआइएस बेस्ड डाटा ( बिल्डिंग फुट प्रिंट ) वार्ड की बाउण्ड्री, परिसंपत्तियां कैपिंग, खेत, नाले, नाली, जलप्रदाय, विद्युतीकरण की मैपिंग की जाना थी। एक करोड़ रुपए एडवांस लिए जाने के बाद भी सम्बंधित एजेंसी मेपकास्ट ने काम अधूरा छोड़ दिया हैं।
इस लापरवाही पर बीते आठ जुलाई को आयुक्त हिमांशु सिंह ने सम्बंधित एजेंसी डॉ.विवेक कटारे रिमोट सेसिंग एप्लीकेशन सेंटर प्रधान (भूमि उपयोग एवं शहरी सर्वेक्षण) सुदूर संवेदन उपयोग मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद विज्ञान भवन नेहरू नगर भोपाल को नोटिस दिया था। इसका जवाब एजेंसी ने यह कहकर दिया कि कोरोना संक्रमणकाल में अभी मैदानी सर्वेक्षण सम्भव नहीं है। इस तरह एजेंसी ने इस काम को टाल दिया गया है।
सवाल यह है कि दूसरी एजेंसियां कोरोना के दौरान भी काम कर रही है तब इस एजेंसी की बहानेबाजी चर्चा का विषय बनी हुई है। फिलहाल सर्वेक्षण कार्य रुकने से निगम को सम्पत्ति कर का नुकसान उठाना पड़ रहा है।