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छिंदवाड़ा

Corona Side Effects : कुम्भकारों के व्यवसाय पर फिर रहा पानी

चेहरे पर दिख रही मायूसी

छिंदवाड़ाMar 28, 2020 / 05:04 pm

Rajendra Sharma

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छिंदवाड़ा/ गर्मी के दिन शुरू हो गए हैं। घरों में चार महीनों के लिए ठंडा पानी पीने के लिए लोगों को चाहिए। ऐसे में ऐसा जल मटके के अलावा किसी और पात्र से सम्भव नहीं है, लेकिन हालातों की मार इस व्यवसाय पर सबसे ज्यादा पड़ी है। गर्मी के मौसम के घड़े, मटके, सुराही बनाने के धंधे पर पानी फिर गया है। देश में कोरोना के चलते लॉकडाउन और कफ्र्यू के हालातों ने कुम्भकारों को भी घरों के अंदर रहने को मजबूर कर दिया है। अब तक शहर के बुधवारी क्षेत्र, फव्वारा चौक स्थित मटका बाजार, इएलसी चौक, एमएलबी के पास इनकी दुकानें न सिर्फ सज जातीं थीं, बल्कि लोग इनकी खरीदारी भी करने लगते थे।
इस बार कुम्भकारों के घर घड़े-मटकों के ढेर लगे हैं, लेकिन खरीदने के लिए कोई घर से बाहर ही नहीं निकल पा रहा है। हालात ये हैं कि अब इन घरों में इन्हें बनाना भी बंद कर दिया गया है। जितने बने हैं, उतने ही बिकने की स्थिति इस बार दिख नहीं रही है।
अक्षय तृतीया भी जाएगी सूनी

चैत्र नवरात्र में हजारों मंगल कलश शहर में मंदिरों में रखे जाते हैं। इस बार ये कलश भी नहीं रखे गए। गुड़ी पड़वा की पूजा के लिए भी घरों में कलश रखे जाते हैं। इसके अलावा घरों में नवरात्र की पूजा के लिए भी मिट्टी से बनी सामग्री और सामान की मांग रहती है। इन बार तो बिक्री हुई नहीं। अप्रैल में आखातीज यानी अक्षय तृतीया आनी है। उस दिन मिट्टी के घड़े खरीदने का विशेष महत्व रहता है। इस बार अपै्रैल में भी हालात सामान्य होने की स्थिति दिख नहीं रही। ऐसे में यह त्योहार भी कुम्भकारों के लिए मायूसी और सूनापन ही लेकर आएगा।

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