अक्षय तृतीया भी जाएगी सूनी चैत्र नवरात्र में हजारों मंगल कलश शहर में मंदिरों में रखे जाते हैं। इस बार ये कलश भी नहीं रखे गए। गुड़ी पड़वा की पूजा के लिए भी घरों में कलश रखे जाते हैं। इसके अलावा घरों में नवरात्र की पूजा के लिए भी मिट्टी से बनी सामग्री और सामान की मांग रहती है। इन बार तो बिक्री हुई नहीं। अप्रैल में आखातीज यानी अक्षय तृतीया आनी है। उस दिन मिट्टी के घड़े खरीदने का विशेष महत्व रहता है। इस बार अपै्रैल में भी हालात सामान्य होने की स्थिति दिख नहीं रही। ऐसे में यह त्योहार भी कुम्भकारों के लिए मायूसी और सूनापन ही लेकर आएगा।