स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार कोविड-19 के टीकाकरण में अभी तक 18 से 44 वर्ष और 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में अब तक प्रथम डोज 262511 की संख्या में लगाए गए हैं तो वहीं दूसरा डोज 62058 ही लग पाए हैं। इन आंकड़ों के विश्लेषण में यह भी साफ है कि एक मई से 18 प्लस के वैक्सीन अभियान में प्रथम डोज 82507 लोग लगा चुके हैं तो वहीं दूसरा डोज केवल 1506 का है। खुद स्वास्थ कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्करों में भी दूसरा डोज लगाने की कम अपेक्षा कृत कम है।
विभागीय अधिकारी भी मान रहे हैं कि छह माह से चल रहे टीकाकरण अभियान में दूसरा डोज लगाने की उदासीनता समाज में बरकरार है। वर्तमान में पहला और दूसरा डोज के बीच दो लाख का अंतर है। इनमें एक लाख से ज्यादा लोग पहली के बाद दूसरी वैक्सीन लगाने टीकाकरण केन्द्र नहीं आ पाए हैं। कोविशील्ड वैक्सीन के आठ सप्ताह के अपवाद को भी मान लें तो यह संख्या 50 हजार होगी। फिर दूसरे डेढ़ लाख लोगों के न आने का सवाल बना हुआ है। इस पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी काम नहीं कर रहे हैं। जबकि उन्हें हर पहले डोज लगवाने वाले व्यक्ति का डाटा का विश्लेषण कर दूसरे डोज वालों को जगाकर टीकाकरण केन्द्र लाना चाहिए।