पीडब्ल्यूडी ने नहीं ली सुध
विगत सप्ताह ही क्षेत्रीय विधायक सुनील उइके ने सडक़ निर्माण का भूमिपूजन किया था। सडक़ का निर्माण का सुपर विजन विभाग पीडब्ल्यूडी के अमले की अनुपस्थिति में किया जा रहा है। इसका परिणाम यह हुआ कि ठेकेदार ने सडक़ निर्माण करने करने की जल्दीबाजी में सैकड़ों पेड़ की बलि चढ़ा दी।
सडक़ निर्माण में बाधा नहीं थे पेड़
खमदौड़ा में आदिवासी की स्वामित्व की भूमि पर सडक़ निर्माण किया जा रहा है। सडक़ निर्माण के लिए पर्याप्त जगह होने के बाद भी 10 मीटर के बाहर लगे सडक़ के दोनों ओर के वृक्ष जेसीबी से उखाड़ दिए गए। इतना ही नहीं उनकी फसलों को भी नुकसान पहुंचाया गया। अब ग्रामीण पेड़ और फसल का नुकसान का मुआवजा मांगने की बात कर रहे हैं।
पर्यावरण के लिए बेहद नुकसान
पर्यटन एवं पर्यावरण विकास समिति अध्यक्ष सतीश मिश्रा की मानें तो एक साथ इतने अधिक पेड़ों को उखाडऩा पर्यावरण के लिए बेहद घातक है। पेड़ काटने के बाद उन्हें दोबारा उगाने के प्रयास हो सकते हैं, लेकिन जड़ से उखाडऩे के बाद सारी संभावनाएं खत्म हो जाती हैं। इसके बावजूद कम्पनी ने जिस तरह सडक़ निर्माण के लिए जल्दबाजी की और एक सैकड़ा पेड़ों को उखाड़ दिया। यह आने वाले समय के लिए काफी खतरनाक हो सकता है। रोड तो लोगों को अच्छी मिल जाएगी, लेकिन गर्मी के दिनों में छांव की तलाश में लोगों को लंबी दूरी तय करना पड़ेगा। इस पूरे मामले में पीडब्ल्यूडी की भी भूमिका संदेहास्पद लग रही है।
इनका कहना है
ग्रामीणों की सूचना पर मैं मौके पर गया था। पेड़ जेसीबी से उखाड़े गए हैं। कुल मिलाकर 129 पेड़ों को उखाड़ा गया है। प्रतिवेदन तहसीलदार के समक्ष पेश किया है।
लेखराम नंदवंशी, पटवारी
पटवारी ने पेड़ उखाडऩे का प्रतिवेदन दिया है। शनिवार को मैं मौके पर गया था, लेकिन बारिश अधिक हो जाने के कारण जांच नहीं हो सकी।
रत्नेश ठवरे, तहसीलदार तामिया