मिली जानकारी के अनुसार नरेंद्र पटेल, सुरेंद्र पटेल और रिक्की खंडूजा वारदात के दिन कार से मुलताई पहुंचे। यहां से उन्हें कार से नागपुर छोड़ा गया, कुछ दिन नागपुर में बिताने के बाद तीनों अलग-अलग हो गए। नरेंद्र पटेल अपने एक परिचित के यहां भोपाल पहुंचा। कुछ दिन बाद सुरेंद्र पटेल भी वहां चला गया। रुपए सहित अन्य जरूरतों के लिए अंकित माटा और टीनू धारू से सम्पर्क किया था।
पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली जिसके आधार पर भोपाल में घेराबंदी कर उन्हें पकडऩे का प्रयास किया, लेकिन एसआई की लोडेड पिस्टल छीनकर फरार हो गए। भोपाल के ईंटखेड़ी इलाके में हुई इस मुठभेड़ के बाद आरोपी एक दिन तक वहीं रुके रहे।
सुरेंद व अंकित एक ही दिन पहुंचे शहर
ईंटखेड़ी इलाके में हुई वारदात के अगले दिन सुबह अंकित माटा ने कोतवाली में सरेंडर किया, जबकि देर शाम सुरेंद्र पटेल को उसके घर सोनाखार से हिरासत में लिया जा चुका था। पुलिस ने पूछताछ के बाद अंकित माटा को रेलवे स्टेशन क्षेत्र से गिरफ्तार करना दिखाया, जबकि सुरेंद्र की गिरफ्तारी का खुलासा नहीं किया। गुरुवार देर रात नरेंद्र पटेल को उसके एक परिचित के फ्लैट के सामने से गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी में साइबर सेल की अहम भूमिका रही। आरोपियों और उनके रिश्तेदारों के मोबाइल की लगातार कॉल डिटेल निकालने के साथ ही अन्य जानकारियां जुटाई गई। बताया जा रहा है कि इस प्रकरण में नरेंद्र पटेल के मामा सहित अन्य सहयोग करने वालों को भी आरोपी बनाया गया है।