छिंदवाड़ा/ जिले के पांढुर्ना थाना क्षेत्र के ग्राम खैरीपैका निवासी हीरू उर्फ हीरालाल भासकवरे (25), रोशन गजभिये (19) एवं कपिल (19) को चौदह वर्षीय नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले में बीस-बीस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। फैसला शुक्रवार को न्यायालय शालिनी शर्मा अपर सत्र न्यायाधीश सौंसर ने सुनाया। प्रत्येक आरोपी को एक-एक हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है।
पीडि़ता के पिता ने उसे मजदूरी के पांच सौ रुपए लेने के लिए पांच सितम्बर 2017 को गांव के कोटवार के घर भेजा था। वह जब रुपए लेकर लौट रही थी, तभी रास्ते में आरोपी उसे मिले और बोले कि तेरे भाई को बबलू के घर में मार रहे हैं तो पीडि़ता ने बबलू के घर अंदर जाकर देखा तो वहां उसका भाई नहीं था, इस दौरान आरोपी पीछे से आए और घर का दरवाजा बंद कर दिया। पीडि़ता ने बोला कि दरवाजा क्यों बंद किया तो आरोपी हीरालाल ने उसे धक्का देकर मारपीट कर उसे जमीन पर गिरा दिया और उसके सारे कपड़े उतार कर उसके साथ जबरन बलात्कार किया। बाकी दोनों आरोपी रोशन और कपिल भी सामने अगले कमरे में बैठकर आरोपी का साथ दे रहे थे। काफी देर तक
बलात्कार करने के बाद आरोपियों ने पीडि़ता को उसी कमरे में बंद कर बाहर से ताला लगाकर वहां से चले गए, पीडि़ता के चिल्लाने पर आसपास के लोग आए और उसके बाद पीडि़ता ने अपने माता-पिता परिजन को घटना के बारे में बताया गया। पीडि़त ने थाना पांढुर्ना जाकर आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच के बाद अभियोग पत्र
न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया।
न्यायाधीश ने बचाव और अभियोजन पक्ष के तर्कों को सुनने एवं साक्ष्यों को देखने के बाद दोषियों को सजा सुनाई। प्रकरण में शासन की ओर से प्रवीण कुमार मर्सकोले विशेष लोक अभियोजक ने पैरवी की।