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छिंदवाड़ा

डेंगू वायरस से मौत, जानें बचने के उपाय

अलर्ट: जिला अस्पताल में नहीं हो रहा डेंगू प्रोटोकॉल का पालन, जिम्मेदार निभा रहे महज औपचारिकता, डेंगू पीडि़त मरीज की नागपुर में मौत

छिंदवाड़ाSep 07, 2018 / 11:42 am

Dinesh Sahu

Death Dengue Virus, Tips to Avoid

अलर्ट: जिला अस्पताल में नहीं हो रहा डेंगू प्रोटोकॉल का पालन, जिम्मेदार निभा रहे महज औपचारिकता
डेंगू पीडि़त मरीज की नागपुर में मौत

छिंदवाड़ा. जिले में डेंगू से इस सीजन में पहली मौत होने का मामला सामने आया है। बुधवार को शहर के वार्ड क्रमांक-39 विवेकानंद कॉलोनी निवासी 76 वर्षीय वृद्ध की उपचार के दौरान नागपुर में मौत हो गई। दरअसल, जिला अस्पताल में डेंगू की जांच न होने और आवश्यक उपचार न मिलने पर परिजन स्थानीय स्तर पर निजी अस्पतालों में उपचार कराते रहे। राहत नहीं मिलने पर पीडि़त को दो दिन पूर्व ही नागपुर के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था।

जानकारी के अनुसार कई माह से जिला अस्पताल की लैब में डेंगू प्रोटोकॉल के तहत जांच नहीं हो रही है। मशीनें खराब पड़ी हैं, लेकिन मरम्मत के लिए कोई भी गम्भीर नहीं है। जिला मलेरिया विभाग द्वारा विगत दिनों मलेरिया-डेंगू माह मनाया गया, लेकिन इस दौरान कोई भी मरीज सामने नहीं आया जबकि जबकि विगत वर्ष में जनवरी से सितम्बर तक आठ डेंगू पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके थे। जिला मलेरिया अधिकारी देवेंद्र भालेकर ने बताया कि शासन के निर्देशासनुसार एलाइजा टेस्ट में पॉजिटिव आने पर ही डेंगू होने की पुष्टि मानी जाती है। जबकि नागपुर या अन्य स्थानों पर किट टेस्ट में पॉजिटिव को ही मान्य कर लिया जाता है।

शुरू नहीं हो सकी बायोकैमिस्ट्री


डेंगू या मलेरिया संदिग्ध मरीज के आने पर चिकित्सा विशेषज्ञ ब्लड की आवश्यक जांच कराने के लिए लिखते हैं। इसके बाद ही एलाइजा टेस्ट किया जाता है। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि जिला अस्पताल में उक्त जांच की जा रही है। जबकि हकीकत में विगत कई माह से बायोकैमिस्ट्री समेत अन्य जांच बंद पड़ी है।

इन लक्षणों से पहचाने रोग


डेंगू संदिग्ध मरीज को काफी तेज बुखार रहता है। शरीर तथा सिर में अत्याधिक दर्द रहता है। डेंगू बुखार तीन तरह के होते है। इसमें पहला क्लासिकल, इसमें साधारण डेंगू, हैमरेजिक बुखार, इसमें डीएचफ तथा तीसरा डेंगू शॉक सिंड्रोम, इसमें डीएसएस शामिल है। डेंगू की तीव्रता बच्चों में ज्यादा रहती है। जोड़ों और हड्डी में तेज दर्द की वजह से इसे हड्डीतोड़ बुखार भी कहा जाता है।

एेसे करें बचाव


मलेरिया अथवा डेंगू रोग से बचने के लिए मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए। हर सप्ताह पानी की टंकियों की सफाई करना चाहिए। घरों में साफ-सफाई बनाए रखना तथा समय-समय पर चिकित्सकों से उचित सलाह लेना आवश्यक है।

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