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छिंदवाड़ा को सम्भाग बनाने के लिए प्रयासरत हूं। इस सम्बंध में मुख्यमंत्री कमलनाथ से कई बार चर्चा भी हो चुकी है। यह मामला मेरी प्राथमिकता में है।सम्भाग बनने से जिले का और तीव्र गति से विकास होगा।
नकुलनाथ, सांसद, छिंदवाड़ा
सीएम के संकेत के बाद बढ़ी राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल,नगरीय निकाय चुनाव के पहले हो सकती है घोषणा
छिंदवाड़ा•Feb 25, 2020 / 11:48 am•
manohar soni
pushkar
छिंदवाड़ा/जिले की चिरपरिचित मांग संभाग को लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है। सीएम कमलनाथ के दौरे में पांढुर्ना को जिला और बैतूल को जोड़कर नई प्रशासनिक संरचना के विचार को बल मिला है। इसके बाद इस विचार पर संभावनाएं टटोलने के लिए कहा गया है। कहा जा रहा है कि नगरीय निकाय चुनाव के पहले सरकार इस पर निर्णय लेकर घोषणा कर सकती है।
छिंदवाड़ा को संभाग बनाने का मुद्दा पिछले दो दशक से गूंजता रहा है। वर्ष 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिवनी और बालाघाट जिले को मिलाकर इसकी घोषणा भी की थी। इसके बाद इन दो जिलों के जनप्रतिनिधियों की आपत्तियों के चलते यह मामला शिवराज सरकार के समय टल गया। इस मुद्दे पर हर विधानसभा सत्र में सवाल-जवाब भी हुए। जिले के नेता कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद लोग सरकार की तरफ आशा भरी निगाहें से देख रहे हैं। सूत्रों से पता चला है कि संभाग के मुद्दे पर सिवनी और बालाघाट जिले के विरोध को देखते हुए सीएम ने पांढुर्ना और बैतूल की सीमा पर काम करने को कहा है।
अंदरुनी प्लान यह है कि सौंसर और मुलताई के कुछ हिस्से को शामिल कर पांढुर्ना को जिला बना दिया जाए। फिर शेष बैतूल जिले को भी सम्मिलित किया जाए। इस तरह छिंदवाड़ा,पांढुर्ना और बैतूल को जोड़कर नया संभाग गठित हो जाएगा। बैतूल जिले से प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे के होने से कोई समस्या भी नहीं आएगी। फिलहाल राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि इस प्लान पर बजट सत्र के बाद कुछ घोषणा हो सकती है। जून में नगरीय निकाय चुनाव होने पर इस पर राजनीतिक फायदा होने की संभावनाएं नजर आ रही है।
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छिंदवाड़ा को सम्भाग बनाने के लिए प्रयासरत हूं। इस सम्बंध में मुख्यमंत्री कमलनाथ से कई बार चर्चा भी हो चुकी है। यह मामला मेरी प्राथमिकता में है।सम्भाग बनने से जिले का और तीव्र गति से विकास होगा।
नकुलनाथ, सांसद, छिंदवाड़ा