scriptतेज धूप से बीमार पढ़ रहे, मुरझा रहीं फसलें : उपयोगी सलाह, जरूर पढ़ें | Drying crops with scorching sunlight | Patrika News
छिंदवाड़ा

तेज धूप से बीमार पढ़ रहे, मुरझा रहीं फसलें : उपयोगी सलाह, जरूर पढ़ें

मौसम विभाग ने किसानों को किया सजग

छिंदवाड़ाMay 07, 2019 / 12:38 pm

Rajendra Sharma

Weather

अब आसमान से बरेसी आग, मौसम विभाग ने जारी किया लू का अलर्ट

छिंदवाड़ा. जिले में अलगे पांच दिनों तक हल्के बादल छाने के साथ तेज धूप निकलने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में मौसम विज्ञान विभाग ने किसानों को अलर्ट किया है।
अगले पांच दिनों के मौसम को देखते हुए किसानों को विशेष सलाह दी गई है। दलहनी एवं तिलहनी फसलों लेने वाले किसानों से कहा गया है कि फसलों की कटाई उपरांत खेत में कच्चे अवशेषों को जलाएं नहीं बल्कि जुताई कर भूमि में दबाएं उससे भूमि में जीवांश और पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ेगी तथा प्रदूषण भी नहीं होगा। अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक (लगभग 41.44 डिसे) रहने की सम्भावना है और हवा की गति लगभग 14.18 किमी घंटे होने के कारण केले के पौधे में पत्तिया झुलसने की आशंका रहती है, अत: उत्तर-पश्चिम दिशा में वायुरोध लगावे साथ ही सिंचाई करें।
मवेशियों का रखें ध्यान : बढ़ती गर्मी को देखते हुए किसानों से कहा गया है कि मवेशियों को छायादार स्थानों में बांधे तथा पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं। मुर्गी पालक किसानों से कहा गया है कि मुर्गियों को गर्मी से बचाव के लिए मुर्गीखानों के चारों ओर लगी जालियों में बोरे लगाएं और उसे समय-समय पर गीला करते रहे। गर्मी के दिनों में प्रति पशु प्रति दिन 50-60 ग्राम नमक अवश्य खिलाएं।
उद्यानकी फसल में कीट लगने का डर

खीरा, तरबूज, खरबूज और ककड़ी फसलों में सिंचाई व्यवस्था ठीक से करें तथा तापमान कीट फैलने के लिए अनुकूल हैं उसको ध्यान में रखते हुए लौकी, करेला, बरबटी, भिंडी और बैगन जैसी फसलों में रोज किटों की निगरानी करें। आम, नीम्बू वर्गीय फसलों एवं अन्य फसलो में सिंचाई का उचित प्रबंधन करें। केला, पपीता एवं अन्य फसलों में वाष्पोत्सर्जन की दर को देखते हुए ड्रीप में पानी की मात्रा बढ़ा दें।
कहा गया है कि इस मौसम में बेलवाली फसलों में न्यूनतम नमी बनाएं रखें अन्यथा मृदा में कम नमी होने से परागण पर असर हो सकता है जिससे फसल उत्पादन में कमी आ सकती है।
ऐसे करें वाष्पीकरण पर नियंत्रण

इन दिनों तेज धूप के कारण मक्का, मूंग, उड़द और मूंगफली में पानी की आवश्यकता बढ़ी है। अत: इन फसलों में सिंचाई पर ध्यान दें तथा दो सिंचाई के अंतराल को कम करें। ग्रीष्म कालीन मूंग एवं सब्जी की फसलों में थ्रिप्स किट के प्रकोप से पत्तियां सिकुड़ी हुई दिखाई पडऩे पर इमिडाक्लोपिड नामक दवा एक मिलीलीटर प्रति तीन लीटर पानी में घोलकर 200 लीटर प्रति एकड़ की दर से दोपहर बाद छिडक़ाव करें। गन्ने की नई फसल में आवश्यकता अनुसार निंदाई-गुडाई एवं सिंचाई करें। ग्रीष्म कालीन फसलों की कतार के बीच में वानस्पतिक मल्च या प्लास्टिक मल्च डालने की सलाह दी गई है ताकि वाष्पीकरण को कम किया जा सके। इस मौसम में किसान अपनी मिट्टी की जांच किसी प्रमाणित स्रोत से करवाएं और जहां संभव हो खेत का समतलीकरण करवाएं।

Home / Chhindwara / तेज धूप से बीमार पढ़ रहे, मुरझा रहीं फसलें : उपयोगी सलाह, जरूर पढ़ें

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो