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छिंदवाड़ा

डैम निर्माण से डूब में आ जाएंगे आदिवासियों के आशियाने

जुन्नारदेव विकासखंड में करोड़ों की लागत से बनने वाले इस डैम के बाद आदिवासी विकासखंड के ग्राम आवरिया, खैरमण्डल, तान्सी, बगदड़ी, पिण्डरई, बेहड़ाढाना, श्रीजोत बोही ग्राम इसकी चपेट में आ जाएंगे।

छिंदवाड़ाSep 15, 2019 / 05:15 pm

SACHIN NARNAWRE

डैम निर्माण से डूब में आ जाएंगे आदिवासियों के आशियाने

डैम निर्माण से डूब में आ जाएंगे आदिवासियों के आशियाने

खैरवानी/हनोतिया. छिन्दवाड़ा जिले में सिंचाई कॉम्प्लैक्स के तहत बांध, जंगल बचाने के लिए डैम निर्माण का प्लान तैयार किया गया जिसकी प्रशासनिक स्वीकृति भी प्राप्त हो चुकी है इस योजना के तहत समूचे जिले के 600 से अधिक गांव लाभान्वित होने की बात सामने आई थी वहीं जंगलों में पशु पक्षियों सहित सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होने पर किसानों को लाभ प्राप्त होने निश्चित माना जा रहा था किन्तु इस सिंचाई योजना के कारण जुन्नारदेव विकासखंड के आधा दर्जन से अधिक आदिवासी ग्राम प्रभावित हो रहे है।
जुन्नारदेव विकासखंड में करोड़ों की लागत से बनने वाले इस डैम के बाद आदिवासी विकासखंड के ग्राम आवरिया, खैरमण्डल, तान्सी, बगदड़ी, पिण्डरई, बेहड़ाढाना, श्रीजोत बोही ग्राम इसकी चपेट में आ जाएंगे जिससे आदिवासियों की कृषि भूमि सहित उनके आवास भी डूब में आ जाएंगे। शासन द्वारा ग्रामीण किसानों के हित में चलाई जा रही इस योजना से यहां जुन्नारदेव विकासखंड के 60 से अधिक ग्राम लाभान्वित होंगे वहीं आधा दर्जन ग्राम पूरी तरह निस्तोनाबूत हो जायेंगे।
अब ग्रामीण अपने अस्तित्व की लड़ाई प्रशासन से लडऩे को विवश है इसी के चलते शनिवार को इन सभी ग्रामों के सैकड़ो ग्रामीणों ने एकजुट होकर मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन के नाम का पत्र जुन्नारदेव थाना प्रभारी प्रतीक्षा मार्को को सौपा है जिसमें आदिवासियों ने डैम के लिए चिन्हित किये गये स्थान को परिवर्तित करने की बात कहीं है।
सौपे गये ज्ञापन के माध्यम से ग्रामीणों ने बताया कि यदि उक्त डैम का निर्माण चिन्हित स्थान पर किया जाता है तो इससे 7000 से अधिक आदिवासी परिवार प्रभावित होंगे जिनके सामने न सिर्फ आवास बल्कि रोजी रोटी के भी लाले पड़ जायेंगे। वहीं ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि वे अपनी पुस्तैनी जमीन पर कृषि करते है ऐसे में उनकी भूमि डूब में आने के चलते उनके पूर्वजों द्वारा सौपी गई भूमि पूर्णत: जलमग्न हो जायेगी। कन्हान नदी पर बनाये जाने वाले इस बांध का निर्माण अन्य स्थान पर कराये जाने की मांग ग्रामीणों द्वारा की गई है। साथ ही मुख्यमंत्री से इस आदिवासी अंचल के आदिवासासियों के हितों को ध्यान में रखते हुये शीघ्र ही स्थान परिवर्तन कराये जाने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने के दौरान गोंडवाना छात्र यूनियन के प्रदेश एवं जिला स्तर के पदाधिकारी, सदस्य एवं कार्यकर्ता सहित बड़ी संख्या में आदिवासी ग्रामीण उपस्थित थे।

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